नड्डा की पार्टी नेताओं को नसीहत, आत्मविश्लेषण करें और प्रासंगिकता बनाए रखें | Nadda's advice, introspection and maintain relevance to party leaders

नड्डा की पार्टी नेताओं को नसीहत, आत्मविश्लेषण करें और प्रासंगिकता बनाए रखें

नड्डा की पार्टी नेताओं को नसीहत, आत्मविश्लेषण करें और प्रासंगिकता बनाए रखें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : March 2, 2021/10:59 am IST

जयपुर, दो मार्च (भाषा) राजस्थान भाजपा में धड़ेबंदी व खींचतान के आरोपों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को पार्टी नेताओं से आत्मविश्लेषण करने और अपनी प्रासंगिकता तथा स्वीकार्यता बढ़ाने को कहा।

नड्डा ने यह बात मंगलवार को पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों को सतत आत्मविश्लेषण की नसीहत देते हुए कहा, ‘‘मैं चर्चा नहीं करना चाहता लेकिन हमने आत्मविश्लेषण लगभग छोड़ दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा यहां बैठे सभी लोगों से निवेदन है कि आप आत्मविश्लेषण करें और तय करें कि प्रतिबद्धता के साथ-साथ हमारी उपयोगिता और प्रासंगिकता क्या और कितनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति वह जगह है जहां आपको प्रासंगिक बने रहना होता है। प्रासंगिकता का मतलब है कि आप पार्टी में कितना योगदान करते हैं आपकी उपयोगिता कितनी है। आप में साथ लेकर चलने की क्षमता कितनी है।’’

हमें यह विश्लेषण करना चाहिए कि क्या हम परिपक्वता से काम कर रहे हैं।

नड्डा राजस्थान भाजपा की नयी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ मंच पर राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सदस्य ओम माथुर भी मौजूद थे।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं इसलिए सारी बातें आपसे कर रहा हूं क्योंकि यह हमारे जहन में होनी चाहिए कि हम संगठन की दृष्टि से अपनी उपयोगिता कैसे बढ़ा सकते हैं कैसे हम और परिपक्व हो सकते हैं, कैसे अपनी स्वीकार्यता बढ़ा सकते हैं।’’ नड्डा ने कहा, ‘‘लीडर (नेता) किसी के कहने से नहीं बनते लीडर (नेता) अपने एक्शन (काम) से बनते हैं। और हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमारी स्वीकार्यता तभी बढ़ती है जब हम सबको साथ लेकर चलते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता ध्यान रखें कि कार्यकर्ता समस्या नहीं समाधान होता है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान भाजपा में खींचतान व धड़ेबंदी की खबरें आए दिन स्थानीय मीडिया में आ रही हैं और सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता इस पर कटाक्ष करते हैं। पिछले ही दिनों भाजपा विधायकों के एक धड़े ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को पत्र लिखकर विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठाने के लिये समय नहीं दिये जाने से विधायकों में हो रही निराशा की बात की थी।

भाषा पृथ्वी कुंज अर्पणा

अर्पणा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)