आने वाली पीढ़ी के लिए दरवाजे बंद कर देंगे नये कृषि कानून : योगेंद्र यादव | New agricultural laws to close doors for future generation: Yogendra Yadav

आने वाली पीढ़ी के लिए दरवाजे बंद कर देंगे नये कृषि कानून : योगेंद्र यादव

आने वाली पीढ़ी के लिए दरवाजे बंद कर देंगे नये कृषि कानून : योगेंद्र यादव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : February 23, 2021/12:39 pm IST

जयपुर, 23 फरवरी (भाषा) सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि ये कानून आने वाली पीढ़ी के लिए दरवाजे बंद कर देंगे और मंडी व्यवस्था बंद होने से देश का किसान बर्बाद हो जाएगा।

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा राजस्थान के सीकर में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मंडी का कानून किसान के सर पर से छप्पर हटाने वाला कानून है और मंडी नहीं बचेगी तो सरकारी खरीद नहीं होगी,अगर मंडी की व्यवस्था चली गई तो पंजाब और हरियाणा का किसान तो बर्बाद हो ही जायेगा .. अपने यहां के किसान भी बर्बाद होंगे।

यादव ने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री मोदी इन कानूनों से जो कर रहे हैं … वे हमारी आने वाली पीढ़ी के लिये दरवाजे बंद कर रहे हैं। मंडी अगर बंद होती है तो किसानों के उत्पाद की सरकारी खरीद भी बंद होगी और अगर यह बंद होगी तो जल्दी ही राशन की दुकान भी बंद होगी क्योंकि सरकार मंडी में जो खरीद करती है वही गेहूं और चावल हमें राशन की दुकान पर मिलता है।’’

उन्होंने कहा कि इस संयुक्त किसान मोर्चे में देश के 450 किसान संगठन इकठ्ठे हो गये हैं।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘पिछले तीन महीने मोदी, उनके दरबारियों, नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद इन 450 संगठनों में से एक भी संगठन अभी तक टूटा नहीं है।’’

यादव ने कहा कि ये कृषि कानून तो रद्द होंगे ही होंगे, हम केंद्र सरकार से फसलों के दाम की गांरटी भी लेंगे, इसके साथ ही शाहजंहापुर (राजस्थान-हरियाणा सीमा) पर जारी आंदोलन को मजबूत बनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि 27 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आह्वान हुआ है कि सब अपने अपने आंदोलन स्थलों पर पहुंचे।

सभा में किसान नेता राकेश टिकैत व पूर्व विधायक अमराराम भी शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा इस सोमवार से राजस्थान में कई किसान महापंचायतें कर रहा है।

भाषा कुंज पृथ्वी धीरज

धीरज

 

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