मांग जारी रहने से तेल तिलहन बाजार में मजबूती बरकरार, सोयाबीन में निर्यात मांग से तेजी | Oil oilseed market remains strong as demand continues, soybeans boom from export demand

मांग जारी रहने से तेल तिलहन बाजार में मजबूती बरकरार, सोयाबीन में निर्यात मांग से तेजी

मांग जारी रहने से तेल तिलहन बाजार में मजबूती बरकरार, सोयाबीन में निर्यात मांग से तेजी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : March 25, 2021/4:30 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को मांग जारी रहने से खाद्य तेलों में मजबूती बरकरार रही। सोयाबीन खल की निर्यात मांग जारी रहने से इसके तिलहन में 100 रुपये चढ़ गये। वहीं सरसों में इस साल स्टॉक की स्थिति को देखते हुये मजबूती का रुख बना हुआ है। तेल तिल को समर्थन मिलने से उसमें 50 रुपये की हल्की तेजी दर्ज की गई।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सरसों तेल अपनी अलग जगह बनाता जा रहा है। वर्तमान में दूसरे खाद्य तेलों के मुकाबले सरसों का भाव अपेक्षाकृत कम है। कोरोना काल के दौरान मिलावट रहित सरसों तेल को बढ़ावा मिला है। चालू रबी मौसम के बाद भी यही स्थिति है। अन्य तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों तेल का उत्पादन बिना किसी दूसरे तेल का इस्तेमाल करते हुये हो रहा है। सरसों का रिफाइंड भी बनाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नये सत्र में सरसों की उपज और स्टॉक की स्थिति को देखते हुये सरसों रिफाइंड के उत्पादन को हतोत्साहित किया जाना चाहिये।

तेल उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल सरसों का 89.5 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। पिछला स्टॉक नाममात्र के लिये भी नहीं बचा है। सरकारी एजेंसियों का भी पूरा स्टॉक बाजार में निकल चुका है। थोक मंडियों में सरसों के भाव इसके तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर चल रहे हैं। भाव एमएसपी से ऊपर हैं इसलिये नेफेड और हाफेड जैसे सरकारी एजेंसिया खरीद नहीं कर रही हैं। सरकारी एजेंसियां आम तौर पर तभी बाजार में खरीदारी करने उतरतीं हैं जब नई फसल आने के समय बाजार टूट रहे होते हैं। बाजार सूत्रों का कहना है कि इस बार स्थिति अलग है। बाजार पहले ही एमएसपी से ऊपर है ऐसे में सरकारी एजेंसियों की भूमिका क्या होगी यह कहना मुश्किल है लेकिन इतना जरूर है कि सरकार को आने वाले समय में बाजार में हस्तक्षेप करने के लिये कुछ मात्रा में सरसों का स्टॉक अपने पास अवश्य रखना चाहिये।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की घरेलू के साथ साथ भारी निर्यात मांग होने की वजह से सायोबीन दाना के भाव में 100 रुपये का सुधार दिखा। इसके अलावा अगले मौसम की बिजाई के लिए और सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाले कंपनियों की मांग बढ़ने से सोयाबीन दाना कीमतों में लाभ दर्ज हुआ।

सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर रहीं। हालांकि, तेल तिल में लंबे समय के बाद मामूली हलचल रही और भाव 50 रुपये क्विंटल बढ़ गये।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 5,850 – 5,900 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना – 6,255 – 6,320 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,320 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,470- 2,530 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,025 -2,115 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,155 – 2,270 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 14,550 – 17,550 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,800 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,550 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,250 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,250 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 5,975 – 6,025 रुपये: सोयाबीन लूज 5,850- 5,900 रुपये

मक्का खल 3,605 रुपये।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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