गाजियाबाद, आठ फरवरी (भाषा) किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया था, उन्हें अब सांसदों और विधायकों को अपनी पेंशन छोड़ने के लिए कहना चाहिए ताकि धन का इस्तेमाल युवाओं की आर्थिक मदद करने के लिए किया जा सके।
उन्होंने देश में डेयरी और दूध की आपूर्ति में लगे लोगों के हितों की रक्षा करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों के आयात पर सरकार की एक नई नीति को लागू करने से समुदाय की आजीविका को खतरा हो सकता है।
टिकैत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जिस तरह से प्रधानमंत्री ने लोगों से एलपीजी सिलेंडर पर अपनी सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया था, उन्हें अब संसद सदस्यों, राज्य विधानसभा सदस्यों से अपील करनी चाहिए और उन्हें अपनी पेंशन छोड़ने के लिए कहना चाहिए।’’
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि देश के युवाओं को सरकार से कोई मौद्रिक समर्थन नहीं मिलता है, लेकिन विधायकों को पेंशन मिलती है, इसलिए मोदी को इन लोगों से इस फायदे को छोड़ने की अपील करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान यूनियनें अपनी पेंशन छोड़ने वाले सांसदों और विधायकों का आभार व्यक्त करेंगी।’’
टिकैत ने दावा किया कि सरकार दूध के आयात पर एक नीति ला रही है और विदेशों से दूध का आयात बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लागत अधिक है और (भारत में) दूध की बिक्री दर कम है।’’
उन्होंने कहा कि दूध के लिए एक समान मूल्य तय किया जाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि देश में पशुधन की संख्या गिर गई है और यह आशंका है कि भारत जल्द ही तुर्की की तरह हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘तुर्की में कोई पशुधन नहीं है, उसकी भूमि खराब हो गई है और यह दूध आयात करता है। लेकिन हमारे किसान यहां ऐसा नहीं होने देंगे।’’
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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