पाकिस्तान सरकार का कट्टर इस्लामी दल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला | Pakistan government decides to ban hardcore Islamic party

पाकिस्तान सरकार का कट्टर इस्लामी दल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला

पाकिस्तान सरकार का कट्टर इस्लामी दल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : April 14, 2021/12:42 pm IST

(सज्जाद हुसैन/एम जुल्करनैन)

इस्लामाबाद/लाहौर, 14 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान ने एक कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों की लगातार तीसरे दिन कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ झड़प के बाद बुधवार को आतंकवाद अधिनियम के तहत उस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इन झड़पों के दौरान सात लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

गृह मंत्री शेख राशिद ने पत्रकारों से कहा कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत प्रतिबंधित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ”मैंने टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने के लिये पंजाब सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”

अहमद ने कहा कि बीते दो दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में कम से कम दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है और 340 से अधिक घायल हुए हैं।

मीडिया में आईं खबरों में बताया गया है कि दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हुई है।

पार्टी समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिये फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिये इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने सोमवार को पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिज्वी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद टीएलपी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

मंत्री ने यह भी कहा कि सभी सड़कों को खाली करा लिया गया है और प्रमुख शहरों के मुख्य चौराहों से प्रदर्शनकारियों को हटाया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां उन स्थानों पर काम कर रही हैं, जहां अभी भी प्रदर्शनकारी मौजूद हैं।

दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने पिछले साल नवंबर में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर सहमति जताते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।

टीएलपी ने पिछले साल नवंबर में कार्टून के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि फरवरी तक राजदूत को निष्कासित करने का आश्वासन दिये जाने के बाद मामला शांत हो गया था और समझौते को 20 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया।

सरकार ने टीएलपी के खिलाफ कार्रवाई की मांगों को लेकर संसद में एक विधेयक लाने का वादा किया था।

टीएलपी 2017 में चर्चा में आया था जब उसने इस्लामाबाद के निकट फैसलाबाद चौराहे पर तीन सप्ताह तक विशाल विरोध प्रदर्शन किया था। तत्कालीन सरकार द्वारा कानून मंत्री को हटाए जाने के बाद टीएलपी ने शहर से लॉकडाउन हटाया था।

भाषा

जोहेब नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)