दिल्ली के स्कूलों के प्रधानाचार्य अगले साल के लिए नर्सरी में दाखिले रद्द करने के खिलाफ | Principals of Delhi schools against cancellation of nursery admissions for next year

दिल्ली के स्कूलों के प्रधानाचार्य अगले साल के लिए नर्सरी में दाखिले रद्द करने के खिलाफ

दिल्ली के स्कूलों के प्रधानाचार्य अगले साल के लिए नर्सरी में दाखिले रद्द करने के खिलाफ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : December 23, 2020/2:26 pm IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के विद्यालयों के प्रधानाचार्य कोविड-19 के मद्देनजर अगले साल नर्सरी में बच्चों के दाखिला रोके जाने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि इस संबंध में अब तक अंतिम रूप से कोई फैसला नहीं लिया गया है।

सामान्य तौर पर दिल्ली के करीब 1,700 स्कूलों में नर्सरी में बच्चों के दाखिले से जुड़ी प्रक्रिया नवंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाती है। शिक्षा निदेशालय दिशानिर्देश जारी करती है और स्कूलों से कहा जाता है कि वे इस संबंध में जरूरी जानकारी दें और फिर इसके बाद सामान्य तौर पर दिसंबर में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। हालांकि इस साल अब तक इस संबंध में किसी भी तरह की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर पिछले नौ महीने से विद्यालय बंद हैं और ये तब तक बंद रहेंगे जब तक टीका उपलब्ध नहीं हो जाता है। नर्सरी कक्षा के छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा उचित नहीं जान पड़ती है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली में विद्यालय तभी खुलेंगे, जब टीके उपलब्ध होंगे। भले ही स्कूल खुल जाएं, प्री प्राइमरी के बच्चे सबसे अंत में ही विद्यालय जाना शुरू करेंगे। इसलिए उन्हें एक साल तक के लिए ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा जाना उचित नहीं हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि हालांकि इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और इस संबंध में कोई भी कदम विद्यालयों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।

इस प्रस्तावित विचार पर शालीमार बाग की मॉडर्न स्कूल की प्रधानाचार्य अलका कपूर ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि आगामी वर्ष में नर्सरी में दाखिले को रद्द करना विवेकपूर्ण फैसला नहीं होगा। बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाकर अभिभावक कम से कम बच्चों का परिचय औपचारिक शिक्षा से करा सकते हैं। भले ही बच्चे स्कूल न आएं लेकिन उनके पास ऑनलाइन सीखने का विकल्प होगा। वहीं, बच्चों का जितनी जल्दी ऑनलाइन और कक्षा में बैठकर शिक्षा के दोनों माध्यमों से परिचय करा दिया जाए, उतना ही बेहतर होगा’’

उन्होने कहा, ‘‘ टीके के साथ चीजों में सुधार होना शुरू हो सकता है। कल्पना करें कि अगर जून-जुलाई 2021 तक महामारी कमजोर हो जाए तो फिर अगर नर्सरी दाखिला नहीं हुआ तो पूरा साल बर्बाद जाएगा।’’

रोहिणी के द श्रीराम वंडर ईयर्स की निदेशक सुमेधा गोयल का कहना है कि नर्सरी दाखिले को रोकना अच्छा कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों का विकास प्रभावित हो सकता है। उनके विकास को एक साल तक रोकना उनके सर्वांगीण विकास के लिए अच्छा नहीं हैं।

द हेरीटेज स्कूल्स के सह संस्थापक मंजीत जैन का मानना है कि उन परिवारों के लिए यह बेहद बुरी खबर होगी जिनके बच्चे अगले साल नर्सरी में जाने वाले हैं और दाखिला नहीं होने की वजह से उन्हें अपने बच्चों को प्री स्कूल में ही रखना पड़े या फिर उन्हें एक साल तक शिक्षा नहीं देने का निर्णय लेना पड़े।

भाषा स्नेहा पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)