नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। हम जानते हैं कि वे हम पर भी नजर रख रहे हैं।’’ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान नेताओं के फोन नंबर साल 2020-21 के आंकड़ों में मिलेंगे। यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जब यह आंकड़ा सार्वजनिक होगा, निश्चित तौर पर हमारे नंबर भी मिलेंगे।’’
यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सरकार को यह दिखाने के लिए जंतर मंतर पर आए हैं कि किसान मूर्ख नहीं हैं। ब्रिटेन की संसद में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन भारत की संसद में नहीं।
यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बहस के लिए जोर दिया। किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि उन्होंने सभी सांसदों को अपनी मांगें उठाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन आरोप लगाया कि संसद उनके मुद्दों को नहीं उठा रही है।
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचा। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाकर रखा है और वाहनों की आवाजाही की कड़ी निगरानी की जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक संसद परिसर से कुछ मीटर दूर जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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