रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन के लिए और उपाय करने को प्रतिबद्ध : दास | RBI committed to take more measures to support growth: DAS

रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन के लिए और उपाय करने को प्रतिबद्ध : दास

रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन के लिए और उपाय करने को प्रतिबद्ध : दास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : January 16, 2021/11:19 am IST

चेन्नई, 16 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता से समझौता किए बिना वृद्धि को समर्थन देने के लिए और उपाय करने को प्रतिबद्ध है।

दास ने शनिवार को वर्चुअल मंच से 39वें नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान में कहा कि महामारी के दौरान प्रमुख लक्ष्य आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देना था। ‘‘जब हम पीछे देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी नीतियों की वजह से महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने में मदद मिली।’’

दास ने कहा, ‘‘मैं यह कहूंगा कि रिजर्व बैंक जरूरत के मुताबिक आगे और उपायों के लिए भी तैयार है। साथ ही हम वित्तीय स्थिरता कायम रखने को भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’

उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता कायम रखने के लिए बैंकों को अग्रिम में बफर के रूप में संसाधन जुटाने की जरूरत है। गवर्नर ने कहा कि आगे चलकर देश के वित्तीय संस्थानों को आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए ‘कठिन हालात’ से जूझना होगा। साथ ही उन्हें दीर्घावधि में वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को भी कायम रखना होगा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी के झटके से गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के संदर्भ में बैंकों के बही-खातों पर काफी दबाव पड़ा है। इससे बैंकों की पूंजी घटी है। दास ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के बैंकों को बफर बनाने तथा पूंजी जुटाने की जरूरत है। यह सिर्फ ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि इससे वित्तीय प्रणाली का जुझारूपन भी बढ़ेगा।

दास ने कहा, ‘‘हमने सभी बैंकों, बड़ी जमा नहीं लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और जमा लेने वाले एनबीएफसी से कोविड-19 के अपने बही-खाते, संपत्ति की गुणवत्ता, पूंजी पर्याप्तता पर असर का आकलन करने और इससे संभावित बचाव के उपाय ढूंढने को कहा है। ये उपाय पूंजी जुटाने, आपात नकदी योजना और अन्य के रूप में हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ बड़े सार्वजनिक क्षेत्र और साथ ही निजी क्षेत्र के बैंकों ने पहले ही पूंजी जुटा ली है। कुछ पूंजी जुटाने की तैयारी में हैं। इस प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है।

दास ने कहा कि वित्तीय स्थिरता को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। यह सिर्फ वित्तीय प्रणाली और मूल्य की स्थिरता नहीं, बल्कि राजकोषीय स्थिरता और बाहरी क्षेत्र की स्थरिता भी है।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर

 

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