संसदीय कार्यवाही के नियम लंबे समय तक स्थायी नहीं रह सकते, समय के साथ उनमें बदलाव जरूरी: हरिवंश | Rules of parliamentary proceedings cannot remain permanent for a long time, changes are necessary over time: Harivansh

संसदीय कार्यवाही के नियम लंबे समय तक स्थायी नहीं रह सकते, समय के साथ उनमें बदलाव जरूरी: हरिवंश

संसदीय कार्यवाही के नियम लंबे समय तक स्थायी नहीं रह सकते, समय के साथ उनमें बदलाव जरूरी: हरिवंश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : March 14, 2021/7:50 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को कहा कि संसदीय कार्यवाही के नियम लंबे समय तक स्थायी नहीं रह सकते हैं और बदलते समय तथा भविष्य की मांग के अनुसार उनमें बदलाव करना भी आवश्यक है।

राज्यसभा के नए सदस्यों के दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम में हरिवंश ने उम्मीद जताई कि वे लोग अपने वरिष्ठों, विशेषज्ञों और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों के साथ बातचीत के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर अपना ज्ञान बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘कार्यवाही के नियम लंबे समय तक स्थायी नहीं रह सकते हैं। उन्हें बदलते समय और भविष्य की मांगों के आधार पर बदलना होगा।’’

उन्होंने कहा कि इन नियमों को प्रासंगिक और प्रभावी बनाए रखने के लिए बदलते समय और भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए उनमें बदलाव किया जाता है।

संसदीय समितियों के कामकाज के बारे में उन्होंने कहा कि वे निगरानी करने वाली समितियां हैं, जो जवाबदेही सुनिश्चित करती हैं।

कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत सांसद भूपेंद्र यादव द्वारा ‘कानून बनाने की प्रक्रिया’ सत्र के साथ हुई।

हरिवंश ने सदस्यों को बताया कि राज्यसभा के नियम एवं प्रक्रियाओं को 1964 में अपडेट किया गया था और उसके बाद से 13 संशोधन किए जा चुके हैं।

भाषा अर्पणा सुभाष

सुभाष

 

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