परमाणु समझौते के विस्तार को लेकर संशय में हैं रूसी राजनयिक | Russian diplomats skeptical about expansion of nuclear deal

परमाणु समझौते के विस्तार को लेकर संशय में हैं रूसी राजनयिक

परमाणु समझौते के विस्तार को लेकर संशय में हैं रूसी राजनयिक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : October 15, 2020/4:14 am IST

मास्को, 15 अक्टूबर (एपी) रूस के शीर्ष राजनयिक ने मास्को और वाशिंगटन के बीच हुए हथियार नियंत्रण समझौते के विस्तार को लेकर संशय प्रकट किया है, जबकि अमेरिका इसे लेकर आशावादी नजर आ रहा है।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कई रूसी समाचार संस्थानों को दिए साक्षात्कार में कहा कि रूस ‘न्यू स्टार्ट’ संधि के विस्तार के लिए अमेरिका द्वारा पेश की गई शर्तों को स्वीकार नहीं कर सकता।

लावरोव ने फरवरी में समझौते की समय सीमा समाप्त होने से पहले उसमें विस्तार की संभावना से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘निजी तौर पर, मुझे संभावना नजर नहीं आती।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम कभी यह नहीं कहेंगे कि हम दरवाजा बंद कर देंगे और सभी संपर्क तोड़ देंगे, लेकिन उन्होंने जो शर्त रखी है, उसके आधार पर बात करना असंभव है। यह शर्त दशकों से हमारे सभी समझौतों का आधार रहे सिद्धांतों को पूरी तरह नजरअंदाज करती है।’’

दूसरी ओर, अमेरिकी दूतों ने कहा कि रूस और अमेरिका के बीच समझौता होने वाला है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को कहा, ‘‘हमने ‘न्यू स्टार्ट’ के विस्तार संबंधी संभावनाओं के बारे में पिछले कुछ सप्ताह में जो समझ विकसित की है, हम उसके आधार पर होने वाले समझौते के अवसर का स्वागत करेंगे। इसके परिणाम से पूरे विश्व को लाभ होगा और दुनिया में सबसे खतरनाक हथियारों को लेकर स्थिरता बढ़ेगी।’’

पोम्पिओ ने कहा,‘‘मुझे उम्मीद है कि रूस ऐेसे परिणाम पर सहमत होने का मार्ग तलाश लेगा, जो उनके और हमारे हित में होंगे।’’

उन्होंने चीन के भी अंतत: इस वार्ता में शामिल होने की उम्मीद जताई।

वार्ता के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अमेरिकी और रूसी वार्ताकारों ने अपने परमाणु आयुध भंडारों पर लगाम लगाने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है, ताकि ‘न्यू स्टार्ट’ को विस्तार दिया जा सके।

सूत्र ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि यदि सहमति बन जाती है, तो समझौते के विस्तार की अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले घोषणा की जा सकती है और इसमें अंतत: चीन को भी शामिल करने की कोशिश की जाएगी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव ने 2010 में ‘न्यू स्टार्ट’ संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

एपी सिम्मी शोभना

शोभना

 

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