मुंबई, 21 अक्ट्रबर (भाषा) सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने बुधवार को कहा कि धन जुटाने के मामले में देश के वित्तीय क्षेत्र में विविधीकरण की जरूरत है और यह बदलाव पूंजी बाजार से धन जुटाने की तरफ झुका होना चाहिए।
त्यागी ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में वर्तमान में वित्तीय क्षेत्र पूरी तरह से बैंक के कर्ज पर निर्भर है। इस स्थिति में विविधीकरण की जरूरत है खासतौर से बैंकिंग क्षेत्र की समस्या को देखते हुये पूंजी बाजार के जरिये धन जुटाने में सहूलियत की जानी चाहिये।’’
पूंजी बाजार नियामक ने चेतावनी देते हुये कहा कि जब तक बॉंड बाजार को समुचित रूप से विकसित नहीं किया जायेगा तब तक 2024- 25 तक अवसंरचना क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश के सरकार के लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में इक्विटी बाजार तो काफी सक्रिय है लेकिन भारत कार्पोरेट बॉंड बाजार के विकास को लेकर पिछले कई सालों से मशक्कत कर रहा है।
त्यागी ने कहा कि जब तक देश में बॉंड बाजार को उपयुक्त ढंग से विकसित नहीं कर लिया जाता है 2024- 25 तक देश के अवसंरचना क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।
उन्होंने कहा कि बॉंड बाजार के विकास के लिये ‘‘गहरे ढांचागत और नियामकीय बदलावों’’ की आवश्यकता होगी। इसके लिये सरकार और वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी।
त्यागी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कार्पोरेट बॉंड बाजार को विकसित करने के लिये कुछ कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल बॉंड इक्विटी और रिण बाजार से कुल मिलाकर औसतन 9 लाख करोड़ रुपये जुटाये जाते हैं। इसमें और सुधार लाने की आवश्यकता है।
भाषा
महाबीर मनोहर
मनोहर
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