भावी शिक्षकों का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल! बोले- नियुक्ति नहीं दी तो 5 सितंबर को करेंगे बड़ा आंदोलन | Sawal aapka: Teachers protest against the Bhupesh Baghel government

भावी शिक्षकों का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल! बोले- नियुक्ति नहीं दी तो 5 सितंबर को करेंगे बड़ा आंदोलन

भावी शिक्षकों का सरकार के खिलाफ हल्लाबोल! बोले- नियुक्ति नहीं दी तो 5 सितंबर को करेंगे बड़ा आंदोलन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : August 22, 2020/11:47 am IST

रायपुर। करीब 10 माह से अपनी भर्ती का इंतजार कर रहे प्रदेश के करीब 22 हजार शिक्षक उम्मीदवारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को उनका सब्र छलक पड़ा और हजारों की संख्या में प्रदेश भर से जुटे ये शिक्षक उम्मीदवारों ने राजधानी के बूढातालाब धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इनके आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल को धरना स्थल पर तैनात करना पड़ा। शिक्षक उम्मीदवारों ने चेतावनी दी है कि अगर 1 सितंबर तक सरकार ने उनकी मांग मानते हुए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया, तो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन ही राजधानी में इससे भी बड़ा और उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से हजारों की संख्या में जुटे ये युवक युवतियां प्रदेश के वो भावी शिक्षक हैं जिन्होंने शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 तो पास कर ली, लेकिन कोरोना की आड़ में सरकारी ने भर्ती प्रक्रिया पर अघोषित रोक लगा दी। ये लोग मेरिट लिस्ट में शामिल हैं, और अधिकांश की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। महज पात्र और अपात्र की लिस्ट निकलनी बाकी थी, लेकिन पिछले 10 महीनों से ना तो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और ना ही उनका इंतजार खत्म हो रहा है।

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अब उनका सब्र जवाब दे रहा है, क्योंकि 30 सितंबर तक सरकार ने नियुक्ति नहीं दी, तो व्याख्याता पद के भर्ती नियम के मुताबिक यह प्रक्रिया स्वमेय निरस्त हो जाएगी। उनके इस आंदोलन में तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन भी शामिल हो गया है।

दरअसल, मार्च 2019 में सरकार ने सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता, प्रयोगशाला शिक्षक, अंग्रेजी माध्यम और अंग्रेजी कला शिक्षक के 14, 580 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। 14 अगस्त के लेकर 25 अगस्त तक विभिन्न संवर्गों के लिए परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें करीब सवा तीन लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। व्यापमं ने 1 अक्टूबर को व्याख्याता पद का रिजल्ट जारी किया। 21 नवंबर तक बाकी बचे पदों की परीक्षाओं के परिणाम भी जारी कर दिए।

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इसके बाद मेरिट लिस्ट वेरिफिकेशन का काम शुरू हुआ, जो 5 नवंबर 2019 से शुरू होकर 5 फरवरी 2020 तक चला। इस दौरान 22 हजार उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन किया गया। इसके बाद अगले चरण में पात्र और अपात्र उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होनी थी, जिसके साथ ही हजारों शिक्षकों की भर्ती हो जाती। लेकिन इसी बीच कोरोना संकट सामने आया और फिर सब कुछ ठप हो गया।

अब आर्थिक बोझ का हवाला देते हुए सरकार इस मुद्दे को टरका रही है, जबकि परीक्षा पास कर रोजगार पाने की आस लगाए इन उम्मीदवारों के लिए एक एक दिन भारी पड़ रहा है। ये शिक्षक उम्मीदवार सवाल कर रहे हैं कि सरकार के पास बाकी दूसरी हर योजना के लिए पैसे हैं, विधायक के वेतन भत्ते बढ़ाने के लिए पैसे हैं, संसदीय सचिव को नियुक्त कर उसका खर्च उठाने के लिए पैसे है, लेकिन केवल प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए पैसे नहीं है।

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यही कारण है कि कोरोना के पीक टाइम में भी हजारों युवा प्रदेशभर से इकट्ठा होकर राजधानी में प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। इनमें से कई महिलाएं तो अपने घर में बच्चे और बीमार रिश्तेदार को छोड़ कर भी आने को मजबूर हैं।