कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी से लोगों को खास राहत नहीं | Severe cold in Kashmir valley does not give special relief to people

कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी से लोगों को खास राहत नहीं

कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी से लोगों को खास राहत नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : January 20, 2021/8:29 am IST

श्रीनगर, 20 जनवरी (भाषा) कश्मीर घाटी में बुधवार को भी लोगों को कड़ाके की सर्दी से कुछ खास राहत नहीं मिल पाई क्योंकि कई हिस्सों में तापमान शून्य से कई डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। मंगलवार रात शहर में दर्ज न्यूनतम तापमान इस मौसम के सामान्य तापमान से चार डिग्री सेल्सियस कम था।

उत्तरी कश्मीर के मशहूर स्की रिजॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान मंगलवार रात 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि सोमवार रात यहां तापमान शून्य से 6.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।

पर्यटन स्थल पहलगाम में भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है और यहां तापमान शून्य से 8.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं काजीगुंड जम्मू-कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान रहा और यहां तापमान शून्य से 8.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे जबकि दक्षिणी कश्मीर के कोकरनाग में तापमान शून्य से 7.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कड़ाके की सर्दी की वजह से घाटी के कई जलाशयों की सतहें जम गई हैं। श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में कई मार्गों पर बर्फ की मोटी परत बिछी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित है। हल्की धूप की वजह से घाटी की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है।

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में बताया है कि 22 जनवरी से कुछ दिन तक केंद्र शासित प्रदेश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से प्रभावित रहेगा।

कश्मीर अभी चिल्लई-कलां की चपेट में है। यह 40 दिन की अवधि है, जिसमें कड़ाके की सर्दी पड़ती है और घाटी शीत लहर की चपेट में होती है तथा तापमान शून्य से कई डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। ऐसी स्थिति में यहां के जलाशयों और जल पाइपलाइन में पानी जमने लगता है। वहीं इस अवधि में बर्फबारी की संभावना खास तौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक होती है। चिल्लई कलां 31 जनवरी को खत्म होगा।

भाषा स्नेहा शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)