मुंबई, तीन सितम्बर (भाषा) शिवसेना ने संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं कराये जाने संबंधी केन्द्र के कदम का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और कहा कि महामारी के बीच‘‘आपात स्थिति’’ के कारण यह निर्णय लिया गया है, जिसे सभी को समझने की आवश्यकता है।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि सरकार से सवाल करने के लिए अन्य मंच हमेशा उपलब्ध हैं।
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की अधिसूचना के अनुसार मानसून सत्र में न तो प्रश्न काल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा सकेंगे। कोरोना वायरस के कारण शून्य काल को भी सीमित कर दिया गया है।
राउत ने कहा, ‘‘भले ही संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि ऐसा क्यों है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक आपातकालीन स्थिति है। हमें समझने की जरूरत है न कि आलोचना करने की।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राज्य विधानसभा का सत्र केवल दो दिन के लिए बुलाया जायेगा।
मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं कराये जाने की कई विपक्षी पार्टियों ने निंदा की है और कुछ नेताओं ने मोदी सरकार पर कोविड-19 महामारी के नाम पर ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ का प्रयास करने का भी आरोप लगाया है।
एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि सेना प्रमुख एमएम नरवणे लद्दाख गये है जिससे पता चलता है कि चीन-भारत गतिरोध गंभीर है।
उन्होंने कहा, ‘‘“यहां तक कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट किया था कि स्थिति 1962 से भी बदतर है।’’
सेना प्रमुख ने बृहस्पतिवार को लद्दाख के अपने दो दिवसीय दौरे की शुरूआत की है।
भाषा
देवेंद्र मनीषा नरेश
नरेश
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