लघु उद्यमी संघ की छोटे-मध्यम उद्यमियों को घर-घर माल की आपूर्ति करने की अनुमति देने की मांग | Small Entrepreneurs Association demands permission to supply door-to-door goods to small and medium entrepreneurs

लघु उद्यमी संघ की छोटे-मध्यम उद्यमियों को घर-घर माल की आपूर्ति करने की अनुमति देने की मांग

लघु उद्यमी संघ की छोटे-मध्यम उद्यमियों को घर-घर माल की आपूर्ति करने की अनुमति देने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : May 26, 2021/2:26 pm IST

नयी दिल्ली 26 मई (भाषा) फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (फिस्मे) ने राज्यों और केंद्र सरकार से कोविड-19 महामारी के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को घर-घर सामान की आपूर्ति की अनुमति देने की मांग की है ताकि है वे अपनी आजीविका चला सके।

फिस्मे के अनुसार देश में करीब 6.3 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्ड़ी है। कोरोना के कारण छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों का कामगाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

इस स्थिति को देखते हुए संघ ने सरकारों से इस तरह के दिशा-निर्देशों को जारी करने का आग्रह किया है जिससे व्यापारियों की आजीविका भी शुरु हो जाये और देश के लोगों की जान को भी बचाया जा सके।

सरकार को कुछ सुझाव देते हुये उसने कहा कि कोविड के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान माल की घर-घर की आपूर्ति करने देने की अनुमति दी जानी चाहिए जिससे लोग घर बैठे-बैठे सामान ले सके। खुदरा बिक्री से जुड़े उद्यम घर पर आपूर्ति की अनुमति से चल सकते हैं।

इसके अलावा उसने कहा कि बिक्री को आवश्यक और गैर- आवश्यक वस्तुओं में नहीं बांटना चाहिए और छोटे व्यापारियों को कम से कम घर पर माल की आपूर्ति के माध्यम से बिक्री करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे एमएसएमई को अपनी आजीविका चलाने में समर्थन मिलेगा और लोगों को नौकरी भी मिलेगी।

फिस्मे के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा, ‘‘महामारी की वर्तमान स्थिति ने एमएसएमई क्षेत्र को डिजिटलीकरण करने का मौका दिया है और इस माध्यम से उनके आजीविका के रास्ते भी खुले हैं। हालांकि डिजिटलीकरण के रस्ते में कई बाधा भी आई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान सभी उत्पादों की डिलीवरी की अनुमति देना, नियामक बाधाओं को दूर करना, व्यापार करने में आसानी को सक्षम करना और डिलीवरी कर्मियों के लिए टीकाकरण को प्राथमिकता देना, कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे एमएसएमई को समर्थन प्रदान किया जा सकता हैं।’’

भाषा जतिन

महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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