काशी के विवादास्पद परिसर के सर्वेक्षण संबंधी आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड | Sunni Waqf Board to challenge survey order on controversial Kashi complex in High Court

काशी के विवादास्पद परिसर के सर्वेक्षण संबंधी आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड

काशी के विवादास्पद परिसर के सर्वेक्षण संबंधी आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : April 9, 2021/2:54 pm IST

वाराणसी, नौ अप्रैल (भाषा) काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने संबंधी फास्ट ट्रैक अदालत के आदेश से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड संतुष्ट नहीं है और बोर्ड इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देगा। बोर्ड के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता मुहम्मद तारिफ खान ने शुक्रवार को कहा कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर फैसला दिया है। हम अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।’’

अधिवक्ता ने कहा, ‘‘अदालत ने अपना फैसला देने में जल्दबाजी की है। ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले कोई मंदिर था, इस बात का वादी के तरफ से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। बिना साक्ष्य प्रस्तुत किये पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का अदालत का आदेश उचित नहीं है।’’

अधिवक्ता ने बताया कि इस मुकदमे की सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने फास्ट ट्रैक अदालत में चुनौती दी थी, जिसे दीवानी जज (वरिष्ठ) ने खारिज कर दिया था।

उन्होंने बताया कि बाद में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायाधीश के यहां निगरानी याचिका दायर की जिसपर 12 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

उन्होंने बताया कि इस मुकदमे को लेकर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।

गौरतलब है कि फास्ट ट्रैक अदालत ने बृहस्पतिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में विवादित परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण करवाने का आदेश दिया था।

इस मामले में वाद दायर करने वाले वकील रस्तोगी ने कल बताया था कि सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक (दीवानी न्यायाधीश) अदालत, वाराणसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को अपने खर्चे पर यह सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है।

उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण (एएसआई) के पांच विख्यात पुरातत्ववेत्ताओं को शामिल करने का आदेश दिया गया है जिसमे दो अल्पसंख्यक समुदाय के पुरातत्ववेत्ता शामिल रहेंगे।

भाषा सं. अर्पणा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)