अमेरिकी दूत जॉन केरी ने बांग्लादेश में जलवायु परिवर्तन चुनौतियों के मुद्दों पर चर्चा की | US envoy John Kerry discusses issues of climate change challenges in Bangladesh

अमेरिकी दूत जॉन केरी ने बांग्लादेश में जलवायु परिवर्तन चुनौतियों के मुद्दों पर चर्चा की

अमेरिकी दूत जॉन केरी ने बांग्लादेश में जलवायु परिवर्तन चुनौतियों के मुद्दों पर चर्चा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : April 9, 2021/12:38 pm IST

ढाका, नौ अप्रैल (एपी) जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी ने शुक्रवार को कहा कि पेरिस समझौते में अमेरिका की वापसी के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।

केरी बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस महीने जलवायु परिवर्तन पर एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले हैं। इस शिखर सम्मेलन से पहले केरी यह जानने के लिए बांग्लादेश पहुंचे हैं कि उसने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए क्या कदम उठाये हैं।

केरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई एक देश जलवायु परिवर्तन संकट के चलते उत्पन्न समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता।’’

केरी ने इससे पहले उन देशों का दौरा किया है जिन्हें जलवायु परिवर्तन से खतरा है। केरी ने जिन देशों का दौरा किया है उनमें संयुक्त अरब अमीरात और भारत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन अमेरिका को जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में वापस लाये थे। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया था।

केरी के साथ मौजूद बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने सीमांत जिले कोक्स बाजार में स्थित शिविरों से म्यांमा के करीब 11 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने में अमेरिका की मदद मांगी। उन्होंने कहा कि ये रोहिंग्या जंगल और पारिस्थिति को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका की सक्रिय पहल उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी देने के लिए मदद कर सकती है।’’

शरणार्थी म्यांमा में उत्पीड़न के शिकार हैं, जहां 1 फरवरी को नागरिक सरकार के तख्तापलट के बाद सैन्य शासन है। इनमें से अधिकांश का कहना है कि वापसी उनके लिए असुरक्षित है।

समाचार एजेंसी ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश’ ने इससे पहले मोमेन के हवाले से कहा था कि बांग्लादेश का मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलन पर्याप्त नहीं है और उसे वादे के अनुसार, समर्थन की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि जो देश ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए ज्यादातर जिम्मेदार हैं, उन्हें जलवायु परिवर्तन प्रभावों के प्रति संवेदनशील लोगों के पुनर्वास और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी साझा करनी चाहिए।

विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के प्रशासन ने कहा है कि गर्म मौसम, कम बारिश, सूखा, अधिक तूफान से बुनियादी ढांचा, मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। केरी ने भारत की यात्रा के दौरान बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा के दौरान इसी तरह की चुनौतियों पर बात की थी।

कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि समुद्र का बढ़ता स्तर बांग्लादेश के विशाल तटीय क्षेत्र को निगल सकता है और चक्रवात एवं ज्वार-भाटा से कृषि को नुकसान हो सकता है जो लाखों लोगों की आजीविका है। इससे दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन ‘सुंदरबन’ और इसमें रहने वाले बाघों को खतरा है।

विदेश विभाग ने कहा कि केरी और मोदी ने अपनी चर्चा के दौरान स्वच्छ ऊर्जा, नवाचार पर सहयोग और नयी उभरती प्रौद्योगिकी जैसे ऊर्जा भंडारण, ग्रीन हाइड्रोजन, स्वच्छ औद्योगिक प्रक्रिया और कृषि को बढ़ाने के लिए वित्त जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया।

बाइडन ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित विश्व के 40 नेताओं को 22-23 अप्रैल को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है।

एपी. अमित मनीषा

मनीषा

 

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