भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मति​थि बताने वाले को 11 लाख रूपए का इनाम, दूधाधारी मठ ने की घोषणा...देखिए पूरी जानकारी | A reward of 11 lakh rupees to the person who told the birth date of Lord Ram's mother Kaushalya

भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मति​थि बताने वाले को 11 लाख रूपए का इनाम, दूधाधारी मठ ने की घोषणा…देखिए पूरी जानकारी

भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मति​थि बताने वाले को 11 लाख रूपए का इनाम, दूधाधारी मठ ने की घोषणा...देखिए पूरी जानकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : November 16, 2019/12:25 pm IST

रायपुर। भगवान राम की माता कौशल्या के जन्मतिथि का सही निर्धारण करने वाले को 11 लाख रूपए इनाम देने की घोषणा की गई है। यह घोषणा राजधानी के दूधाधारी मठ ने किया है। मठ के अनुसार ज्योतिष गणना कर माता कौशल्या के जन्म तिथि का निर्धारण करने वालों को 11 लाख रुपये इनाम दिया जाएगा। इसे माता कौशल्या के जन्म विवाद को सुलझाने का महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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बता दें कि माता कौशल्या की जन्मस्थली चंदखुरी है और सरकार ने इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। जो कि राजधानी रायपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी (प्राचीन नाम चंद्रपुरी) गांव में स्थित है। यहां माता कौशल्या का मंदिर भी है। छत्तीसगढ़ को पुरातन काल से दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता है। रामचरित मानस व वाल्मिकी रामायण में भी कौशल प्रदेश का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि कौशल्या, इसी कौशल प्रदेश (छत्तीसगढ़) की राजकुमारी थी। पिता भानुमंत व माता सुबाला-अमृतप्रभा थीं।

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सरकार ने राम गमन मार्ग पर स्थित प्रमुख स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम करने जा रही है। इसकी शुरूआत चंदखुरी से की जा रही है। मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान राम इन्हीं 8 प्रमुख स्थलों में रूके थे। उन्हें विकसित करने के लिए पर्यटन और वन विभाग मिलकर काम कर रहा है और इसके लिए समिति बनाकर प्रयास किया जा रहा है।

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वहीं दूसरी ओर चंदखुरी के साथ-साथ माता कौशल्या को लेकर भी पुख्ता जानकारी जुटाने का दूधाधारी मठ ने बीड़ा उठाया है। इसके लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक और दूधाधारी मठ के प्रमुख रामसुंदर दास पहल कर रहे हैं। मठ से जुड़े कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि भगवान राम का जन्म स्थान और कुंडली को मान्यता मिल चुकी है, लेकिन माता कौशल्या को लेकर काफी कुछ करना बाकी है। जबकि प्रदेश का नाम ही कोसल (कौशल्या)के नाम से जाना जाता रहा है।

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उन्होंने बताया कि माता कौशल्या के जन्म तिथि को लेकर प्रमाण, पुरातत्व की खुदाई, प्राचीन ग्रन्थों, जनश्रुति, क्षेत्रीय दंतकथाओं आदि के अलावा ज्योतिष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्वानों को इस संबंध में समस्त जानकारियों व ज्योतिष गणना आदि के आधार के द्वारा प्रमाण प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान रामचन्द्र की कुंडली के चतुर्थ भाव (मातृ भाव) के आधार पर माता कौशल्या की जन्मतिथि के निर्धारण एवं जन्मकुंडली तैयार किया जा सकता है। इसी संबंध में विद्वानों को आमंत्रित किया गया है।

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एक प्रक्रिया के तहत विद्वानों से प्राप्त प्रस्ताव को जूरी द्वारा परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्वान को 11 लाख नगद और विशेष सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में प्रमाण दूधाधारी मठ को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। पत्राचार की अवधि 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2019 तक रखी गई है। पत्राचार का पता राजे श्री महंत डॉ रामसुंदर दास जी महाराज, दूधाधारी मठ पुरानी बस्ती रायपुर संपर्क 7804922620, 7974921927, EMAIL ID-kaushalyakeram@gmail.com से संपर्क किया जा सकता है।

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गौरतलब है कि चंदखुरी स्थित कौशल्या का मंदिर दुर्लभतम है, जैसे पूरे देश में पुष्कर में ब्रह्मा जी का तथा कोणार्क में सूर्यदेव का एक मात्र मंदिर है। ठीक वैसे ही रायपुर के चंदखुरी में कौशल्या जी का एक मात्र मंदिर स्थित है। करीब 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच यह मंदिर स्थित है, जहां भगवान श्रीरामचन्द्र जी की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं।