अजीत जोगी की जातिगत पहचान हाईकोर्ट के पास सुरक्षित | Ajit Jogi's caste case: High Court decides to reserve judgement

अजीत जोगी की जातिगत पहचान हाईकोर्ट के पास सुरक्षित

अजीत जोगी की जातिगत पहचान हाईकोर्ट के पास सुरक्षित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : November 21, 2017/12:09 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी की जाति को लेकर हाईपावर कमेटी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पूरी होने साथ ही मंगलवार के दिन हाईकोर्ट ने मामले में फैसला दे दिया। हिलहाल मामले में फैसला देने बाद कोर्ट ने इसे फैसला सुरक्षित भी कर दिया है।

 जिसके बाद से प्रदेश के राजनीतिक हलकों में कयासों का माहौल गर्म हो गया। आपको बता दें कि मामला सन 1986-87 का है जब पहली बार अजीत जोगी की जाति को लेकर सवाल उठे। पिछले 30 सालों में मामला एक बार इंदौर हाईकोर्ट, दो बार जबलपुर हाईकोर्ट, एक बार बिलासपुर होईकोर्ट और एक बार सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। तत्कालीन भाजपा नेता दिलीप सिंह भूरिया ने एक शिकायत के बाद अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते कए रिपोर्ट में जोगी के आदिवासी नहीं होने का फैसला दिया था।

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जिसे बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहंुच गया जहां से एक हाईपावर कमेटी के गठन का आदेश दिया गया। लेकिन 5 साल तक कोई रिपोर्ट नहीं आई। जिसके बाद मामले को लेकर नंदकुमार साय ने एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई की अक्टूबर 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने नहीं माना जिसके बाद राज्य शासन को हाईकोर्ट से निर्देश मिले।

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इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई और उसने भी जोगी को आदिवासी नहीं माना तब अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी के फैसले पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट की शरण ली जिस पर गहराई से दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आज मामले पर अपना फैसला दिया जिसे सुरक्षित रख लिया गया है। 

 

अमन वर्मा, IBC24

 
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