उपचुनाव का घमासान, नेता पुत्रों के हाथ में प्रचार की कमान | Arbitration of by-election, command of campaign in the hands of leader sons

उपचुनाव का घमासान, नेता पुत्रों के हाथ में प्रचार की कमान

उपचुनाव का घमासान, नेता पुत्रों के हाथ में प्रचार की कमान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : October 20, 2020/10:22 am IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की नाक का सवाल बन चुका उपचुनाव नेता पुत्रों के लिए प्रचार का क्रेश कोर्स बन गया है। अब तक नेता पुत्र अपने परिजन के लिए प्रचार करते नजर आते थे, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब वो पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर चुनाव लड़ने, लड़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। उपचुनाव में राजनैतिक दलों का भविष्य कुछ भी हो। लेकिन इसके जरिये नेता पुत्रों का भविष्य जरूर चमक सकता है।

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मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने जा उपचुनाव प्रदेश के नेता पुत्रों के लिए प्रचार प्रशिक्षण के तौर पर रेखा जा रहा है जो युवा अपने माता-पिता या परिजन को चुनाव में जिताने के लिए मैदान में आते थे। वो अब अन्य प्रत्याशियों के लिए नुक्कड़ सभा से लेकर रोड शो करते नजर आ रहे हैं।

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अक्षय संभाली
खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के 38 साल के बेटे अक्षय भंसाली ने पहली बार पोहरी में हुई नुक्कड़ सभा में शामिल हुए। इससे पहले वो सिर्फ शिवपुरी में अपनी मां के लिए प्रचार करते देखे गए थे।

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कार्तिकेय चौहान
27 साल के कार्तिकेय चौहान सीएम शिवराजसिंह चौहान के पुत्र हैं। कार्तिकेय पोहरी में प्रचार करते नजर आए। 2018 में भी कार्तिकेय के चुनाव लड़न की चर्चा सामने आई थी। लेकिन बाद में कार्तिकेय ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।

देवेंद्र तोमर और प्रबल

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र तोमर की उम्र अभी 32 साल है। वो अपने भाई प्रबल तोमर के साथ चुनावी सभा लेते नजर आ रहे हैं। दोनों भाई ग्वालियर पूर्व, दिमनी, और अंबाह विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। पिछले चुनावों में भी दोनों नजर आए थे। लेकिन इस बार सक्रियता अधिक नजर आ रही है।

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डॉ. अमित सिंह

पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के बेटे डॉक्टर अमित सिंह उपचुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। डॉक्टर अमित गोहद, भांडेर और मेहगांव सीट पर सक्रिय हैं। वो इन सीटों पर जनसंपर्क के साथ नुक्कड़ सभाओं में शामिल हो रहे हैं। नेता पुत्रों की इस सक्रियता का कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया है… पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि सबका स्वागत है।

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नेता पुत्रों के प्रचार में दिलचस्प बात ये है कि उनके दौरों में जातिगण गणित का पार्टियों ने पूरा ख्याल रखा है। इन युवाओं को उन्हीं सीटों पर भेजा जा रहा है, जहां उनकी जाति का वजूद है। पोहरी में धाकड़ समाज का अच्छा खांसा वोट बैंक है। बीजेपी ने वहां कार्तिकेय चौहान को भेजा है। आगामी जनसंपर्क भी ऐसे ही क्षेत्रों में तय किया जा रहा है। ग्वालियर पूर्व, दिमनी और अंबाह सीट क्षत्रिय बाहुल है तो… बीजेपी ने यहां देवेंद्र तोमर और प्रबल तोमर को भेजा है। दूसरी सीटों भी इनके दौरे तय किए जा रहे हैं। इसी क्षेत्र से लगी सीट गोहद, भांडेर और मेहगांव भी क्षत्रिय बाहुल क्षेत्र हैं।कांग्रेस ने यहां डॉ. अमित सिंह की डयूटी तय की है। डॉ. गोविंद सिंह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में 2023 में डाॅ. अमित सिंह की लॉन्चिंग तय मानी जा रही है। बीजेपी का कहना है कि युवाओं को ये जिम्मेदारी नेता पुत्र होने के नाते नहीं बल्कि उनकी काबलियत के आधार पर मिली है।

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इन नेता पुत्रों का क्रेश कोर्स देख बाकी नेता भी अपने पुत्रों को इनकी तर्ज पर चुनावी ट्रेनिंग दिलाने के जतन करने में जुट गए हैं।क्योंकि ये हर नेता जानता है कि उसकी पीढ़ी को राजनीति विधा में आगे बढ़ाना है तो सियासत के क्रेश कोर्स की ये सीढ़ियां कारगर साबित हो सकती हैं।