राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बहादुर बेटियां लौटी रायपुर, स्टेशन में हुआ स्वागत | balveer of chhattisgarh two daughters returned to Raipur after receiving National Bravery Award

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बहादुर बेटियां लौटी रायपुर, स्टेशन में हुआ स्वागत

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बहादुर बेटियां लौटी रायपुर, स्टेशन में हुआ स्वागत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : January 28, 2020/1:49 pm IST

रायुपर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ की दो बहादुरी बेटियां कांति सिंग और भामेश्वरी निर्मलकर आज सुबह रायपुर पहुंची। इस दौरान रेलवे स्टेशन में उनका उत्साह के साथ स्वागत किया गया।

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बहादुर बेटियों का स्वागत बाल कल्याण परिषद के स​​चिव राजेन्द्र निगम, धोबी समाज के महामंत्री हेमंत निर्मलकर, भूपेन्द्र निर्मलकर, पार्षद राधेश्याम बुंदेला, सुभाष बुंदेल, संजू मानिकपुरी पहुंचे हुए थे।

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भामेश्वरी ने दो बालिकाओं की बचाई जान

धमतरी जिले के कानीडबरी गांव में रहने वाली भामेश्वरी निर्मलकर पिता जगदीश निर्मलकर ने 12 साल की उम्र में ही अपनी बहादुरी का परिचय देकर गांव की दो बालिकाओं को तालाब में डूबने से बचाया। कक्षा सातवीं की छात्रा भामेश्वरी ने 17 अगस्त 2019 में यह साहसिक कारनामा कर दिखाया।
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बहन को बचाने हाथियों से लड़ी कांति

सरगुजा जिले के मोहनपुर गांव की सात साल की बालिका कांति सिंग पिता विनोद सिंह ने अपनी बहन को बचाने के लिए हाथियों से लड़ गई। चौथी कक्षा की क्लास में पढ़ने वाली छात्रा कांति ने पिछले साल मात्र छह साल की उम्र में अपनी जान की परवाह किए बगैर जंगली हाथियों के हमले से अपनी तीन साल की छोटी बहन की जान बचाई।

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