सीएम बघेल का बेलौदी गांव बनेगा प्रवासी पक्षियों का पनाहगार, बर्ड वॉचिंग और टूरिज्म की संभावनाएं, कलेक्टर ने लिया जायजा | Birds variance area to be built in Belaudi village of CM Baghel, famous for migratory birds

सीएम बघेल का बेलौदी गांव बनेगा प्रवासी पक्षियों का पनाहगार, बर्ड वॉचिंग और टूरिज्म की संभावनाएं, कलेक्टर ने लिया जायजा

सीएम बघेल का बेलौदी गांव बनेगा प्रवासी पक्षियों का पनाहगार, बर्ड वॉचिंग और टूरिज्म की संभावनाएं, कलेक्टर ने लिया जायजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : November 27, 2020/3:20 pm IST

रायपुर। प्रवासी पक्षियों के लिए मशहूर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गांव बेलौदी में पक्षी विचरण प्रक्षेत्र बनाया जाएगा। प्रक्षेत्र बनने से यहां स्वाभाविक रूप से प्रवासी पक्षियों की संख्या में अभिवृद्धि होगी, साथ ही बर्ड वॉचिंग के लिए और टूरिज्म के लिए भी अनूठी संभावनाएं यहां उत्पन्न होंगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कलेक्टर दुर्ग डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने साइट का अवलोकन किया। उनके साथ मौजूद डीएफओ केआर बढ़ाई एवं संलग्न अधिकारी वनमंमडल दुर्ग विवेक शुक्ला ने उन्हें विस्तार से इस साइट की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।

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उल्लेखनीय है कि जिले के जाने माने बर्ड वाचर एवं वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर राजू वर्मा ने मुख्यमंत्री बघेल के समक्ष बेलौदी में माइग्रेटरी बर्ड्स के कंजर्वेशन के संबंध में निहित संभावनाओं के बारे में प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बताया था कि यहां 63 प्रकार की प्रजाति के पक्षियों में से 31 तो प्रवासी पक्षी हैं। इनके संरक्षण और विकास पर काम हुआ तो बर्ड वॉचिंग के मैप में बेलौदी और छत्तीसगढ़ का नाम प्रमुखता से उभरेगा। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रसन्नता जताई और इस पर कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे। आज साइट में मौजूद तहसीलदार एवं बर्ड वॉचिंग में रूचि रखने वाले अनुभव शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी कि यहां पर अलग-अलग मौसम में कैस्पियन सागर, तिब्बत और साइबेरिया से प्रवासी पक्षी आते हैं। कुछ पक्षी सीजन तक यहीं बसेरा बना लेते हैं और कुछ अच्छी खुराक लेकर आगे बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह प्रवासी पक्षियों के पैसेज का महत्वपूर्ण पड़ाव है। शर्मा ने बताया कि आज ही यहां पर सुरखाब देखा गया जो दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है।

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इस तरह होगा विकसित- वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल इंवेटरी पर काम होगा। इसका मतलब यह है कि साल भर यहां प्रवासी पक्षियों के आने का ट्रेंड देखेंगे। इसके आधार पर इनकी खाद्य जरूरतों के डिटेल तैयार किये जाएंगे। उसके अनुरूप हैबिटेट के विकास पर कार्य किया जाएगा। इसके लिए पक्षी विज्ञानी पूरे समय रिसर्च करेंगे।  पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं- फिलहाल बेलौदी ऐसी साइट है जहां बर्ड वॉचिंग के लिए काफी दूर से पक्षी प्रेमी आ रहे हैं। इसका कारण यह है कि यहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों के देखे जाने की खासी संभावना होती है। अच्छी तरह से विकसित हुआ तो यहां पक्षियों का संरक्षण तो होगा ही, भरतपुर के केवलादेव पक्षी विहार की तरह ही यहां पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं पैदा होंगी।

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ये पक्षी पाये जाते हैं बेलौदी में- बार हेडेड गूस, ब्लैक हेडेड आइबिस,ब्लैक विंग काइट, कॉमन क्रेस्टल,करमोरेंट,गोल्डन प्लोवर,ग्रीन सेंड पाइपर, हुदहुद, लिटिल रिंग प्लावर, नॉर्थन पिनटेल, पेंटेड स्टोर्क, रेड नेपड आइबिस, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, बुलबुल, स्पून बिल स्टोर्क, शार्ट टोड स्नैक ईगल,वाइट ऑय बजार्ड, वूली नेकेड स्टोर्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, कॉटन पिग्मी गूस, गार्गने, लिटिल इग्रेट, ग्रेट इग्रेट, ओपन बिल स्टोर्क,सिकरा, मार्श हैरियर,बूटेड ईगल,ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ऑसप्रे,स्पॉटेड आउल, बर्न आउल, येल्लो ऑय बाबलर, ब्लैक रेड स्टार्ट,ब्लू थ्रोट ,कॉमन रेड शेंक,करलीव, विमरेल, ग्लॉसी आइबिस, ग्रीन बी ईटर, ग्रे हेडेड लापविंग, रेड लैप्विंग, येलो लैप्विंग, लेजर विजलिंग डक, सुर्खाब(रूडी शेलडक), चातक(कूकू), ओरिएंटल डार्टर, रॉसी स्टर्लिंग, चेस्टनट स्टर्लिंग, सफेद खंजन(वाइट वैगटेल), पिला खंजन(येल्लो वैगटेल), कापर स्मिथ बर्बेट, हनी बजार्ड, नाईट हेरॉन, पर्पल हेरॉन, ग्रे हेरॉन, गोल्डन ओरियल, इंडियन पैराडाइस फ्लाईकेचर ,डिजर्ट वीटर पर्पल मोरहेन, जैकाना कामन टील, गढ़वाल,लिटिल ग्रेबे, साइबेरियन स्टोनचैट,इंडियन क्राउसर,ईगल आउल,नाईट जार,यूरेशियन राइनेक, इंडियन रोलर,ग्रे हॉर्न बिल,येल्लो फूटेड ग्रीन पिजन,श्राईक,स्नैप,कॉमन कूट, कॉमन पोचार्ड,क्रेस्टेड ग्रेबे।