बैल नहीं तो खुद ही खेत जोत रहे भाई-बहन, पिता की मौत के बाद परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़ | Brothers and sisters are plowing the fields themselves, if not bulls

बैल नहीं तो खुद ही खेत जोत रहे भाई-बहन, पिता की मौत के बाद परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

बैल नहीं तो खुद ही खेत जोत रहे भाई-बहन, पिता की मौत के बाद परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : June 18, 2021/10:21 am IST

सीहोर: मेहनत जब आदत बन जाए, तो सफलता तकदीर बन जाती है। सीहोर के नानकपुर गांव में ये पंक्तियां चरितार्थ हो रही है। किसान पिता की मौत के बाद बच्चों ने अपनी मां के साथ खेती किसानी संभाल ली है।

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शैलेंद्र कुशवाहा ने बताया कि उनके पिता सागर कुशवाहा की 30 वर्ष की उम्र में मौत हो गई थी, उनकी मौत के 11 साल के बाद माँ और 2 छोटी बहनें किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर गुजारा कर रही हैं। 3 भाई-बहन अपनी मां के साथ गांव के कच्चे मकान में रहते हैं। कुशवाहा परिवार पुश्तैनी 4 एकड़ जमीन में खेती कर जैसे-तैसे गुजारा कर रहा है। 

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खेत जोतने बैल नहीं होने से भाई-बहन मिलकर हल खींचकर खेती कर रहे हैं। आर्थिक परेशानियों के चलते साग-सब्जी लगाकर गुजारा करना उनकी नियति बन गया है। उन्नत खेती कर परिवार अपने हालात को सुधारना चाहता है, इसीलिए परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

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