भिलाई। बीएसपी प्लांट में 9 अक्टूबर को बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में घटना स्थल व इलाज के दौरान अब तक 14 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। मृतकों के शव 6 दिन बाद भी सेक्टर 9 अस्पताल के मरचुरी में रखे हुए हैं। जिस परिवार के कर्मी की मौत इस हादसे में हुइ हैं। उनके परिजन लाश मिलने की उम्मीद में अब तक बैठे है। ताकि वह अंतिम संस्कार कर सके। लेकिन फिलहाल डिएनए टेस्ट के रिपोर्ट के नाम पर शवों को परिजनों को नहीं दिया जा रहा है , न ही श्रमिक यूनियन इस ओर कोई प्रयास कर रहा है।
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ज्ञात हो की भिलाई इस्पात संयंत्र में 13 श्रमिक संगठन व तमाम नेता भिलाई स्टील प्लांट से जुड़े है। लेकिन अपने मांगो को लेकर बीएसपी प्रबन्धन को घेरने वाले और श्रमिको के हितैषी बनने वाले श्रमिक नेता सिर्फ बयान बाजी में लगे हुए हैं.
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इस विषय पे उज्ज्वल दत्ता अध्यक्ष बीएसपी वर्कर्स यूनियन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में 35 हजार परमानेंट कर्मचारी है। एक लाख ठेका श्रमिक कार्य करते है। 13 संगठन इस श्रमिको के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। पर छह दिन बीतने के बाद भी मरे हुए श्रमिकों के लाश को सिर्फ प्रबंधन ने डीएनए के नाम पर रोक दिया है। बीएसपी की मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू के अध्यक्ष एसपी डे का कहना है कि इस मसले पर सभी यूनियन को साथ आना चाहिए पर सभी अलग थलग पड़े हुए है। वही जिस घर के लोग खत्म हुए है। वह परेशान हैं, पर श्रमिक संगठन इन लोगों की मदद की बजाय प्रबंधन की सिर्फ चापलूसी कर रहे है।
वेब डेस्क IBC24
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