छठवीं से ग्यारवीं तक के छात्रों के लिए CBSE ने किया अहम बदलाव, अगले शिक्षण सत्र से किया जा सकता है लागू | CBSE To Offer Skill Courses As Additional 6th Subject For Classes 6 To 11

छठवीं से ग्यारवीं तक के छात्रों के लिए CBSE ने किया अहम बदलाव, अगले शिक्षण सत्र से किया जा सकता है लागू

छठवीं से ग्यारवीं तक के छात्रों के लिए CBSE ने किया अहम बदलाव, अगले शिक्षण सत्र से किया जा सकता है लागू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : April 7, 2020/5:37 pm IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते छात्रों को जनरल प्रमोशन देने के बाद सीबीएसई ने अगले शिक्षण सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा छठवीं से ग्वारवीं तक के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। दरअसल सीबीएसई ने छह से लेकर ग्यारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ने छठवे विषय के तौर पर कौशल पाठ्यक्रम को शामिल करने का फैसला लिया है। बता दें कि सीबीएसई की यह नई व्यवस्था शिक्षण सत्र 2020-21 से लागू किया गया जाएगा। इस संबंध में सीबीएसई ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल में जानकारी दी है।

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वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी नई व्यवस्था शुरू की है। सीबीएसई ने नौ विषय पढ़ने का विकल्प दिया है। किए गए नए बदलाव के बाद कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थी अब पांच अनिवार्य विषयों के साथ ही चार और विषय ले सकते हैं। खास बात यह है कि विद्यार्थी ग्रुप के हिसाब से अपने विषय चुन सकते हैं। सीबीएसई ने सभी विषयों को ग्रुप में जोड़ दिया है और उसी के हिसाब से विद्यार्थी अपने विषयों का चयन कर पाएंगे। इन ग्रुपों के आधार पर विद्यार्थी अपनी पसंद के विषयों को चुन सकेंगे। ये ग्रुप मुख्य विषय, ऐच्छिक विषय और भाषा के आधार पर बांटे गए हैं। बताया गया कि यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि छात्र अपनेक हिसाब से विषय का चुनाव कर सकें। बता दें कि इससे पहले छात्रों को शिक्षकों और ​अभिभावकों की मदद से विषय का चुनाव करना पड़ता था।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए सीबीएसई ने बताया कि अगर कोई विद्यार्थी तीन अनिवार्य शैक्षिक विषयों जैसे विज्ञान, गणित एवं सामाजिक विज्ञान में से किसी एक में फेल हो जाता है और कौशल विषय में पास हो जाता है तो उसका दसवीं कक्षा का रिजल्ट कौशल विषय को जोड़कर तैयार किया जाएगा। यानी कि अगर विद्यार्थी कौशल विषय में पास हो जाता है और अनिवार्य में किसी एक विषय में फेल हो जाता है तो उसे पास कर दिया जाएगा। इसी तरह भाषा विषय में भी किया जाएगा।

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अगर कोई विद्यार्थी भाषा में फेल हो जाता है और छठे विषय के तौर पर ली गई भाषा में पास हो जाता है तो उसके रिजल्ट में जिसमें पास हुआ है उसके अंक जुडेंगे। विद्यार्थियों के लिए नौ विषयों में से पांच अनिवार्य विषय होंगे जो कि हिंदी, इंग्लिश, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान होंगे। इसके अलावा विद्यार्थी चार अन्य विषय भी ले सकेंगे। जिनमें छठा विषय कोई कौशल विषय होगा और सातवां विषय तीसरी भाषा होगी। आठवां और नौवां विषय आर्ट एजुकेशन, हेल्थ फिजिकल एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस में से चुनना होगा। आठवें और नौवें विषय का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर ही होगा।

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