चीन ने भारतीय सीमा के करीब शुरू किया बुलेट ट्रेन, 48 घंटे का सफर 13 घंटे में होगा पूरा.. हलचल तेज | China started bullet train near the Indian border, the journey of 48 hours will be completed in 13 hours

चीन ने भारतीय सीमा के करीब शुरू किया बुलेट ट्रेन, 48 घंटे का सफर 13 घंटे में होगा पूरा.. हलचल तेज

चीन ने भारतीय सीमा के करीब शुरू किया बुलेट ट्रेन, 48 घंटे का सफर 13 घंटे में होगा पूरा.. हलचल तेज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : June 25, 2021/7:36 am IST

नई दिल्ली। चीन ने तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली बार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन का परिचालन  शुक्रवार 25 जून को शुरू किया। इससे तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा और न्यिंगची जुड़ गए हैं। न्यिंगची तिब्बत की सीमावर्ती नगर है जो रणनीतिक रूप से अहम भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के करीब है। यह 435।5 किमी लंबे सेक्शन ल्हासा-न्यिंगची का उद्घाटन चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शताब्दी समारोहों से करीब छह दिन पहले की गई है। सीपीसी का शताब्दी समारोह 1 जुलाई को होगा।

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25 जून की सुबह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में इलेक्ट्रिफाइड रेलवे पहली बार खुला है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक ल्हासा से न्यिंगची के बीच फूक्सिंग बुलेट ट्रेनों का हिमालय के पठारी क्षेत्रों में आधिकारिक परिचालन शुरू हुआ। किंगहई-तिब्बत रेलवे के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत में दूसरी रेलवे होगी। यह रेलवे लाइन किंगहई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र से होकर गुजरेगी। यह क्षेत्र दुनिया के सबसे सक्रिय भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है।

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संकट के समय की स्थिति के लिए चीन की तैयारी
रिपोर्ट के मुताबिक न्यिंगची मेडोग का प्रांत स्तर का शहर है और यह अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत के हिस्से के तौर पर दावा करता है। हालांकि भारत दृढ़तापूर्वक इस दावे को खारिज करता है। भारत और चीन के बीच 3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है।

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शिंघुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च डिपार्टमेंट के निदेशक कियान फेंग ने कुछ समय पहले ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में कहा था कि अगर भारत और चीन सीमा पर कोई भी संकट की स्थिति बनती है तो रेलवे के जरिए ही चीन रणनीतिक सामग्री को आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकेगा।

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नवंबर महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने अधिकारियों को एक नए रेलवे प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन पर काम करने का निर्देश दिया था। इसके तहत सिचुआन प्रांत तो तिब्बत में न्यिंगची से जोड़ने वाली रेल परियोजना पर तेज गति से काम करने का निर्देश दिया गया। चीन के मुताबिक यह रेलवे लाइन सीमा पर स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन की शुरुआत सिचुआन प्रांत के चेंगदू से होगी जो यान से होकर गुजरेगी और फिर काम्डो से होते हुए तिब्बत में प्रवेश करेगी। इससे चेंगडू से ल्हासा के बीच घटकर 13 घंटे रह जाएगी। अभी चेंगडू से ल्हासा के बीच का सफर 48 घंटे का है।

 

 
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