खरगोन। वैसे तो भारत सहित पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस की वैश्विक बीमारी से पीड़ित और परेशान है, वहीं दूसरी ओर किसानों की रीढ़ मानी जाने वाली उनकी मुख्य गेहूं की फसलों पर संकट के बादल छा गए हैं। शुक्रवार को खरगोन जिले के भगवानपुरा तहसील के ग्राम बहादरपुरा, मोहना नागर खेड़ी सहित आसपास के एक दर्जन से भी अधिक गाँवो में तेज आंधी और तूफान के साथ जमकर बारिश हुई जिसके चलते किसानों के खून पसीने से सिंची गई गेहूं की खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
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इस बारिश से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। पीड़ित किसानों का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की फसल भी अत्यधिक बारिश के चलते बर्बाद हो गई थी, वहीं दूसरी ओर रबी की फसल गेहूं और चने से काफी उम्मीदें बंधी थी। खेतों में फसलें तैयार हो गई थी बालियां पक कर तैयार थी सिर्फ फसल काटने की देर थी। लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टोटल लाक डाउन है। मजदूर मिल नहीं रहे, थ्रेसर, हार्वेस्टर उपलब्ध नहीं हो रहे है जिसके चलते तेज आंधी और तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई।
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ग्राम बहादरपुरा के पीड़ित किसानों का कहना है कि तेज आंधी तूफान और बारिश से खेतों में खड़ी उनकी गेंहू की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि फसलों का अविलंब सर्वे करवाया जाए एवं उचित मुआवजा दिलवाया जाए। ताकि किसान इस आर्थिक संकट से उबर सकें।
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