दमोह में हार...बीजेपी में रार! इन दरारों से कब और कैसे उबर पाएगी पार्टी? | Defeat in Damoh ... rage in BJP! When and how will the party be able to overcome these cracks?

दमोह में हार…बीजेपी में रार! इन दरारों से कब और कैसे उबर पाएगी पार्टी?

दमोह में हार...बीजेपी में रार! इन दरारों से कब और कैसे उबर पाएगी पार्टी?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : May 3, 2021/5:26 pm IST

दमोह: उपचुनाव में हार के बाद BJP में कलह खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोधी को दो तीन हजार नहीं बल्की 17 हजार 89 वोट के बड़े अंतर से हराया है। ये हार इसीलिए भी बड़ी रही क्योंकि भारी संक्रमण काल में भी भाजपा ने इस चुनाव में अपने दर्जन भर मंत्रियों के साथ-साथ दिग्गज नेताओं की पूरी की पूरी फौज को मैदान में उतार दिया। बावजूद इसके पार्टी की करारी हार हुई, हारने के बाद प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने इस हार ठीकरा फोड़ा। पूर्व मंत्री और बीजेपी के सीनियर लीडर जयंत मलैया पर फोड़ा। केवल राहुल लोधी ही नहीं मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बिना नाम लिए कहा कि हम छलछंदों से छले गए हैं। घर के जयचंदों से हारे हैं। जबकि मलैया कहते हैं राहुल लोधी को जनता ने कभी स्वीकार ही नहीं किया। जाहिर है कांग्रेस को मुद्दे पर सत्तापक्ष को घेरने का मौका मिला है।

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दमोह उपचुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोधी की हार ने बीजेपी की अंतरकलह को सतह पर ला दिया है। कोरोना के घोर संक्रमण काल के बावजूद पार्टी का फोकस चुनाव पर रहा। प्रदेश भाजपा सरकार के 20 से ज्यादा मंत्रियों समेत पूरा संगठन चुनाव में जी-जान से जुटा रहा। बावजूद उसके राहुल लोधी की पराजय ने पार्टी में आरोपों की आंधी ला दी है। हार के फौरन बाद पार्टी प्रत्याशी राहुल लोधी ने इसका ठीकरा पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके परिवार पर फोड़ दिया। दरअसल भाजपा में दमोह सीट जयंत मलैया की परंपरागत सीट रही है और सात बार वे इस विधानसभा सीट से चुनकर विधायक बने, मंत्री पद पर रहे। लेकिन कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए राहुल लोधी को टिकट देने के बाद से ही मलैया की नाराजगी की खबरें सुर्खिंयां बनती रहीं। अब हार के बाद राहुल लोधी का खुला आरोप है कि जयंत मलैया और उनके पुत्र ने सोची समझी रणनीति के तहत उन को हराया है। पार्टी के खिलाफ मलैया परिवार का काम करना मेरे लिए भारी पड़ गया, वे इसकी शिकायत पार्टी से करेंगे। साथ ही उन्होंने मलैया को पार्टी से निष्कासित करने की भी मांग की है। वैसे आरोप लगाने वाले राहुल लोधी अकेले नहीं। भाजपा के बड़े नेता भी कह रहे हैं की दमोह में हार जयचंदं के कारण हुई है। उसी इलाके से आने वाले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी बीजेपी को आने वाले खतरों को लेकर आगाह किया है। 

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दमोह सीट पर सीट पर करीब तीन दशक से बीजेपी का कब्जा रहा है, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया यहां से चुनाव जीतते आए हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में मलैया चुनाव हारे थे। अब उपचुनाव में मलैया अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया के लिए टिकट चाहते थे। मलैया समर्थक भी खुलेआम बगावत की चेतावनी दे चुके थे। हालांकि,चुनावी मैनेजमेंट में माहिर बीजेपी ने दमोह में भितरघात खत्म करने जयंत मलैया के हाथों चुनाव की कमान सौंपी, लेकिन ये पैंतरा भी चुनाव में काम नहीं आया। कांग्रेस भी इस हार पर भाजपा की अंतरकलह को जिम्मेदार ठहरा रही है।   

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जाहिर है दमोह में हार से भले ही प्रदेश सरकार की सेहत पर इसका कोई  फर्क ना पड़ा हो, लेकिन इस अंतरकलह ने बीजेपी की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी हैं। बड़ा सवाल ये कि इन दरारों से पार्टी कब और कैसे उबर पाएगी।

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