केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ और धान खरीदी को लेकर किसानों का प्रदर्शन आज, चक्काजाम से आवागमन होंगी बाधित | Demonstration of farmers against central agriculture law and about paddy purchase today

केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ और धान खरीदी को लेकर किसानों का प्रदर्शन आज, चक्काजाम से आवागमन होंगी बाधित

केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ और धान खरीदी को लेकर किसानों का प्रदर्शन आज, चक्काजाम से आवागमन होंगी बाधित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : November 5, 2020/1:56 am IST

रायपुर। केंद्रीय कृषि कानून के विरोध और 10 नवंबर से धान खरीदी की मांग को लेकर प्रदेशभर के किसान आज प्रदर्शन और चक्काजम करने वाले हैं।इस प्रदर्शन में किसान सभा समेत 30 से ज्यादा संगठन शामिल होंगे। प्रदेश में कई जगहों पर प्रदर्शन किया जाएगा।

पढ़ें- DGP अवस्थी की कड़े शब्दों में चेतावनी, अवैध शराब की बिक्री होने पर …

किसान नेताओं ने कहा कि राज्य में 30 से अधिक किसान संगठनों के सड़कों में उतरने के कारण राज्य के सभी राष्ट्रीय और राज्य मार्गों में आवागमन प्रभावित होगा। इसके अलावा गांवों को शहरों से जोड़ने वाली सड़कें भी बाधित होंगी। जगह-जगह इन कानूनों की प्रतियां और सरकार के पुतले भी जलाए जाएंगे और कार्पोरेट भगाओ, खेती-किसानी बचाओ, देश बचाओ’ के नारे लगाए जाएंगे।

पढ़ें- 6 वर्षीय बच्चे के अपहरण का मामला, पुलिस ने किया बच्चे को बरामद, दो 

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर केंद्र सरकार कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ आज छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश के किसान चक्काजाम करेंगे। पंजाब, हरियाणा के किसान संगठनों के इस आह्वान के साथ जुड़ जाने से आंदोलनरत किसान संगठनों की संख्या बढ़कर 500 से अधिक हो गई है।

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आज 2262 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि, 50 मरीजों की मौत, 1165 मरीज डिस्चार्ज

छत्तीसगढ़ में भी छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के घटक संगठनों के साथ ही दूसरे अन्य किसान संगठनों के इस आंदोलन में शामिल हो जाने से 30 से ज्यादा संगठन सड़कों पर होंगे। सभी संगठन मिलकर इस किसान आंदोलन के समर्थन में रायपुर के घड़ी चौक स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर दोपहर बाद तीन बजे एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। इन सभी संगठनों ने 10 नवंबर से सोसाइटियों के जरिये धान खरीदने की और केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक सर्वसमावेशी कानून बनाने की भी मांग की है।

 

 

 

 

 
Flowers