अंबिकापुर। सरगुजा के किसान परिवार की एक बेटी ने जो उपलब्धि हासिल की है उससे न सिर्फ परिवार के लोग, गांव बल्कि पूरा सरगुजा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। तमाम अभावों के बीच पढ़ाई में अव्वल दर्जा प्राप्त करने वाली उमेश्वरी राजवाड़े ने 97.83% अंक हासिल कर प्रदेश के दसवीं बोर्ड की प्रावीण्य सूची में अपना आठवां स्थान कायम किया है।
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दिलचस्प बात यह कि उमेश्वरी के पिता महज दसवीं तक पढ़े लिखे हैं जबकि उमेश्वरी की मां ने आठवीं तक की ही शिक्षा हासिल की है, खेती किसानी कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले लालमणि राजवाड़े पढ़े-लिखे नहीं होने के बाद भी अपनी बेटी के पढ़ाई के लिए लगातार ध्यान रखते थे, फिर चाहे वह सुबह 4 बजे उमेश्वरी को जगाने की बात हो या फिर शाम के समय उसके पढ़ाई की मॉनिटरिंग।
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गांव में होने के कारण लगातार बिजली की समस्या रहने के बावजूद इमरजेंसी लाइट और दिए की रोशनी में पढ़ाई कर उमेश्वरी ने यह साबित किया है कि तमाम अभावों के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है। उमेश्वरी ने बिना कोचिंग के ही ये मुकाम हासिल किया है और अब उमेश्वरी आगे बायोलॉजी लेकर पढ़ाई करने के साथ ही एक डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हैं ।
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