श्योपुर । एसबीआई बैंक स्टेशन रोड शाखा के लॉकर से चोरी हुए गहनों के 101 पैकेटों में 15 किलो सोना (गोल्ड) था जिसका, बाजार भाव 7 करोड़ 15 लाख रुपये से अधिक है है। एफआईआर के 33 घंटे बाद बैंक प्रबंधक ने पुलिस को लॉकर से चोरी हुए सोने की जानकारी दी है। पुलिस ने इस चोरी में बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया है। बता दें कि इस चोरी में कोई दरवाजा या ताला टूटना तो दूर, लॉकर में खरोंच तक नहीं आई है।
बीते दिनों एसबीआई स्टेशन रोड के लॉकर से गहनों के 101 पैकेट चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह गहने बैंक से गोल्ड लोन लेने वाले लोगों के थे। उक्त बैंक में 204 लोगों ने गहने गिरवी रखकर लोन लिया है। सभी 204 पैकेट बैंक के लॉकर में रखे थे जिनमें से 101 पैकेट चोरी हो गए हैं। पुलिस की एफआईआर में लिखा है कि, यह चोरी 26 मार्च से 10 जून के बीच हुई है लेकिन, बैंक के कुछ कर्मचारियों ने दबी जुबान कहा है कि चोरी 26 मार्च से पहले ही कर ली गई उसके बाद चाबी गुमी हैं।
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बैंक प्रबंधन ने पुलिस को जो जानकारी दी है उसमें लॉकर से चोरी हुए 101 पैकेटों में लगभग 15 किलो सोना बताया है। बाजार भाव के मुताबिक तकरीबन 7 करोड़ 12 लाख का गोल्ड चोरी हुआ है।
एसपी संपत उपाध्याय, एसएसपी पीएल कुर्वे, कोतवाली थाना प्रभारी डीएस परमार और जांच अधिकारी एसआई बृजमोहन रावत को लेकर एसबीआई बैंक में पहुंचे। एसपी व एसएसपी ने करीब डेढ़ घंटे तक बैंक के लॉकर रूम से लेकर अन्य स्थलों का निरीक्षण किया और बैंक मैनेजर विनोद लखनपाल से करीब एक घंटे तक पूछताछ की है। पुलिस बैंक के दो-तीन कर्मचारियों पर शक है, जो चोरी के बाद से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं।
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जानकारी के मुताबिक बैंक प्रबंधन ने लॉकर की चाबियां खो जाने की बात कही है, वहीं सवाल उठ रहे हैं कि जब लॉकर की चाबियां खो गई थी तो स्ट्रांग रूम व लॉकर की सुरक्षा व निगरानी क्यों नहीं बढ़ाई गई, स्ट्रांग रूम से लेकर पूरे बैंक में कैमरे लगे हैं, मैनेजर या अन्य किसी जिम्मेदार अधिकारी ने ढाई महीने में इन कैमरों की रिकार्डिंग क्यों चेक नहीं की। यह चोरी बैंकिंग टाइम में हुई है और एक गहनों के 101 पैकेट चुराने के लिए कई बार स्ट्रांग रूम में चोर आया-गया होगा तब उस पर नजर क्यों नहीं रखी गई।
बैंककर्मियों में ये भी चर्चा है कि कई प्रमुख कैमरे बंद हैं और कुछ का बैकअप खत्म कर दिया गया है। बैंक प्रबंधन ने पुलिस को सीसीटीवी का रिकॉर्ड अब तक नहीं दिया है। इस वजह से बैंक के कई कर्मचारियों का इस चोरी में संलिप्तता का संदेह बढ़ गया है।
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