बेमेतरा। जिले में सुखे की मार सिर्फ इंसानो पर ही नहीं पेड़ पौधे पर भी पड़ने लगी है। जिसके चलते अज्ञात बीमारी से हज़ारों पेडों की मौत हो चुकी है। वही जिला प्रशासन पेड़ों की मौत से बेखभर है। न्वागढ़ ब्लाक में बदनारा क्षेत्र के पांच से छः गांवों में पिछले तीन साल से करही प्रजाती के वर्षो पुराने भारी भरकम हज़ारों पेड़ अज्ञात बिमारी के चलते मर चुके है। हालात यह है की हर रोज दर्जनों पेड़ों की सुखने से मौत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है पिछले तीन-चार सालों से ही पेड़ सूख रहे है।
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सबसे ज्यादा करही प्रजाती के पेड़ नवागढ़ ब्लाक के गांवो में पाए जाते है, और लोग इसे इमारती लकड़ी के रूप में उपयोग करते है। यह प्रजाती विलुप्ती के कगार पर है। जिसके चलते ग्रामीण भी परेशान है की उनके खेतो में लगे वर्षों पुराने पेड़ आखिर किस कारण से सूख रहे है। जिला प्रशासन के पेड़ों की मौत के बार में कोई जानकारी ही नहीं थी, और ना ही वन विभाग को पता है कि उनके जिले में हजारों पेड़ों की मौत हो गई।
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मिडिया के दखल के बाद जिला प्रशासन ने अपनी टीम भेजकर पेड़ों की मौत के कारण जानने का प्रयास शुरू किया है। बरहाल जो भी हो राज्य शासन के द्वारा करोड़ों रूपए हर साल पर्यावरण को बचाने के लिए पौधे का रोपण कर पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। वहीं वर्षों पुराने पेड़ों की जो विलुप्त प्रजाती है। उसको बचाने के लिए अब तक कोई उपाय नही किया जाना प्रशासनीक लापरवाही को उजागर करता है।