#IBC24AgainstDrugs: 'किंग्स का कच्चा चिट्ठा', क्वींस क्लब के संचालकों ने कैसे खुलेआम उड़ाई नियमों की धज्जियां... | #IBC24AgainstDrugs: 'King's raw letter', how Queens Club operators openly flouted the rules ...
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#IBC24AgainstDrugs: ‘किंग्स का कच्चा चिट्ठा’, क्वींस क्लब के संचालकों ने कैसे खुलेआम उड़ाई नियमों की धज्जियां…
#IBC24AgainstDrugs: 'किंग्स का कच्चा चिट्ठा', क्वींस क्लब के संचालकों ने कैसे खुलेआम उड़ाई नियमों की धज्जियां...
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Deepak DilliwarModified Date: November 29, 2022 / 08:29 PM IST,
Published Date : October 24, 2020/5:09 pm IST
रायपुर: नशे के सौदागरों के खिलाफ जारी IBC24 की मुहिम का अब तक बड़ा असर दिखा है, लेकिन अब भी बहुत कुछ है जिसका खुलासा होना बाकी है। लॉकडाउन के दौरान राजधानी स्थित क्वींस क्लब में जो पार्टी हुई, उसके संचालन में जमकर मनमानी की बात सामने आई है। हाउसिंग बोर्ड ने बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर एग्रीमेंट के तहत इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटड को क्वींस क्लब के संचालन का जिम्मा सौंपा था। इस एग्रीमेंट में कई ऐसी शर्तें हैं, जिसका उल्लंघन करने पर सीधे-सीधे एग्रीमेंट रद्द करने का अधिकार हाउसिंग बोर्ड के पास है। हैरानी की बात तो ये कि ऐसे कई शर्तों का उल्लंघन हरबक्श सिंह बत्रा समेत बाकी दूसरे डायरेक्टर की ओर से की जाती रही है। आज हम आपको उन तमाम शर्तों के उल्लंघन का खुलासा करने जा रहे हैं, जो साल दर साल इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया जाता रहा।
हाउसिंग बोर्ड और इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए बीओटी एग्रीमेंट में कई शर्तें ऐसी हुई हैं, जिसका खुला-खुला उल्लंघन इसके संचालन के दौरान किया गया है। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड को इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के एग्रीमेंट को रद्द करने का अधिकार हैं। क्वींस क्लब के संचालकों ने कैसे खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई, आइए आपको एक-एक सवालों के जरिए बताते हैं।
सवाल नंबर-1 लॉकडाउन में पार्टी गैरकानूनी गतिविधि, तो अब तक क्वींस क्लब का कॉन्ट्रेक्ट रद्द क्यों नहीं हुआ ?
बीओटी एग्रीमेंट के पैराग्राफ क्रमांक 7.6 के मुताबिक, क्वींस क्लब के परिसर या फिर उसकी सुविधाओं का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए करने या प्रोत्साहित करने पर क्वींस क्लब के संचालन का अधिकार रद्द किया जा सकता है। कोरोना महामारी के चरम काल में, कलेक्टर के सख्त लॉकडाउन के आदेश का उल्लंघन करते हुए जन्मदिन की पार्टी करना और उसमें नशे का इस्तेमाल करना, स्पष्ट रूप से गैर कानूनी गतिविधि हैं।
सवाल नंबर- 2 वीआईपी रोड की तरफ से गेट टीएनसी शर्तों का उल्लंघन का प्रावधान, कार्रवाई क्यों नहीं ?
क्लब के निर्माण के वक्त टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि क्लब का एंट्री गेट वीआईपी मेन रोड की तरफ से नहीं होगा। एंट्री गेट विधायक कॉलोनी की तरफ से ही होगा, लेकिन वर्षों से क्लब का एंट्री गेट वीआईपी रोड की तरफ से दिया हुआ है। ये स्पष्ट रूप से टीएमसी निर्देश का उल्लंघन है।
सवाल नंबर- 3 6 माह तक क्लब शुल्क जमा नहीं कराने पर कांट्रेक्टर रद्द करने का प्रावधान, 4 सालों तक फीस जमा नहीं कराई, कार्रवाई क्यों नहीं ?
एग्रीमेंट के पैरा क्रमांक 7.7 के मुताबिक, 6 महीनों तक वार्षिक शुल्क की राशि जमा नहीं कराने पर हाउसिंग बोर्ड समय से पहले कंपनी के संचालन का अधिकार रद्द कर सकता है।
सवाल नंबर- 4 बोर्ड की बिना लिखित अनुमति के डायरेक्टर नहीं बना सकते, तीन-तीन डायरेक्टर कैसे जोड़े?
एग्रीमेंट के पाराग्राफ क्रमांक 8 के मुताबिक, साधारण स्थिति में बीओटी कंपनी यानी इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड अपनी कंपनी में फेरबदल नहीं करेगा और ना डायरेक्टर को प्राप्त अधिकार को उसकी सहमति या बिना सहमति के किसी दूसरे व्यक्ति, एजेंसी या फर्म को सौंपेगा। लेकिन इसका खुला उल्लंघन करते हुए हरबक्श सिंह बत्रा समेत पांच डायरेक्टर ने नवंबर 2019 को एक और जनवरी 2020 में दो नए डायरेक्टर अपनी कंपनी में शामिल कर लिए।
सवाल नंबर- 5 एग्रीमेंट के मुताबिक दूसरे को सबलीज पर नहीं दे सकते, फिर 9.11 करोड़ की डील देकर संचालन का अधिकार कैसे बेचे?
इमिनेंट कंपनी के पांच डायरेक्टर ने 28 नवंबर 2019 को बाकायदा स्टांप पेपर पर एमओयू के जरिए 9.11 करोड़ के सौदे के बदले क्लब के संचालन का अधिकार जैन और सिंघानिया परिवार को बेच दिया। ये सौदा, बीओटी एग्रीमेंट का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है।
सवाल नंबर- 6 पुलिस एफआईआर में क्लब का संचालक जैन और सिंघानिया परिवार के सदस्य, बोर्ड के रिकार्ड में केवल बत्रा परिवार, ये धोखाधड़ी कैसे की गई ?
लॉकडाउन के दौरान क्लब में पार्टी की घटना के बाद बत्रा ने अलग अलग एजेंसियों को गलत बयान देकर गुमराह करने की कोशिश की। एक तरफ पुलिस को बयान दिया कि क्लब के संचालन का अधिकार उसने जैन और सिंघानिया परिवार को दे दिया है। इसी आधार पर पुलिस की एफआईआर में क्लब के संचालको के रूपमें हर्षित सिंघानिया, मिनाली सिंघानिया, नमित जैन, चंपालाल जैन और नेहा जैन का नाम दर्ज है। दूसरी तरफ हाउसिंग बोर्ड को लिखित जवाब दिया कि क्लब का संचालन उसकी कंपनी इमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर कर रही है.. और उसने ना तो किसी को ट्रांसफर किए हैं, ना ही संचालन का अधिकारी किसी को बेचा है।
सवाल नंबर- 7 बत्रा और नए संचालक की डील भी गैरकानूनी, पुलिस की जांच क्यों नहीं ?
हरबक्श बत्रा और उसके परिवार के सदस्य संचालकों द्वारा सिंघानिया और जैन परिवार के सदस्यों के साथ किया गया डील भी अपने आप में गैर कानूनी बताया जा रहा है, क्योंकि कंपनी लॉ के मुताबिक ऐसे सौदे करने से पहले बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक बुलानी होती है और लिए गए फैसले को आधार बताते हुए डील की जाती है। लेकिन 28 नवंबर 2019 के एमओयू में ऐसी किसी भी मीटिंग या उसके फैसले का जिक्र नहीं है। इस डील के इमिनेंट कंपनी के डायरेक्टर ने व्यक्तिगत अधिकार से संपादित किया है। यह अपने आप में नियम कायदों का बड़ा उल्लंघन है।
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