दुनिया को कोरोना संकट से निकालने में भारत करेगा बड़ी मदद, छोटे-बड़े सभी देशों को कर सकता है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई | India will help the world out of the Corona crisis Hydroxychloroquine can supply medicine to all countries, big and small

दुनिया को कोरोना संकट से निकालने में भारत करेगा बड़ी मदद, छोटे-बड़े सभी देशों को कर सकता है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई

दुनिया को कोरोना संकट से निकालने में भारत करेगा बड़ी मदद, छोटे-बड़े सभी देशों को कर सकता है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : April 7, 2020/6:24 am IST

नई दिल्ली । कोरोना संक्रमित के मरीजों के लिए एक हद तक उपाय मानी जा रही एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत ने एंटी मलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक तौर पर बैन हटा लिया है। सरकार के हवाले से कहा गया है कि कि घरेलू जरूरतों का हिसाब लगाने के बाद ही कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित देशों की मांग पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति को लेकर फैसला लिया जाएगा।
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फिलहाल ये तय नहीं हो पाया है कि किस देश को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कितनी आपूर्ति की जाएगी। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति के लिए निवेदन किया था। जानकारी के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से आंशिक तौर पर बैन हटा दिया गया है, मगर पैरासिटामाल का निर्यात प्रतिबंधित रहेगा। घरेलू जरुरतों को पूरा करने और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की उपलब्धता के आधार पर ही देशों द्वारा की गई मांग को स्वीकृति दी जाएगी। कोरोना वायरस महामारी से संबंधित मानवीयता के आधार पर फार्मास्यूटिकल्स विभाग और विदेश मंत्रालय इस तरह के इस दवा के निर्यात और आवंटन पर निर्णय लेगा।

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वहीं, राष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के वैश्विक तौर पर पहुंचाए जा रहे मानवीय क्षति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामाल का लाइसेंस देगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ उन देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

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दरअसल कोविड-19 महामारी के संभावित सबसे खराब स्थिति से निपटने के मद्देनजर भारत अपनी आबादी के लिए दवा का स्टोर कर रहा है । सभी भारतीयों के लिए पर्याप्त होने के बाद ही इस दवा का निर्यात किन देशों को कितना होगा, इस पर फैसला लिया जाएगा। अमेरिका लगातार भारत से इस दवा की मांग कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन पर पीएम मोदी से कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट्स की आपूर्ति की मांग की थी।

भारत में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले मेडिकल और हेल्थकेयर वर्कर द्वारा इड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति है। भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग करने वालों में अमेरिका, ब्राजील, रूस, इजरायल, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन,अबू धाबी जैसे देश शामिल हैं।