सार्वजनिक क्षेत्र के 10 लाख बैंक कर्मियों की हड़ताल, कामकाज होगा प्रभावित | ke of 10 lakh public sector employees, work will affect

सार्वजनिक क्षेत्र के 10 लाख बैंक कर्मियों की हड़ताल, कामकाज होगा प्रभावित

सार्वजनिक क्षेत्र के 10 लाख बैंक कर्मियों की हड़ताल, कामकाज होगा प्रभावित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : December 26, 2018/3:30 am IST

रायपुर। सरकार से समझौता विफल होने के बाद से सरकारी और निजी बैंक के करीब 10 लाख कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। एसोसिएशन का आरोप है कि केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक पर दबाव बनाकर बड़े उद्योगपतियों को हजारों करोड़ का लोन देकर फायदा पहुंचा रहे हैं। आम नागरिकों की बचत के इन रुपयों को उद्योगपति नहीं लौटा रहे हैं और केंद्र सरकार वसूली के लिए सख्त कदम भी नहीं उठा रही है।

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एसबीआई के मुख्य कार्यालय में कंफेडरेशन महामंत्री का कहा कि बैंकों की गिरती आर्थिक स्थिति को छिपाने के लिए छह बैंकों का विलय किया जा रहा है। कई शाखाएं बंद कर दी गई हैं और 2.25 लाख करोड़ का एनपीए एसबीआई का बढ़ चुका है। बता दे कि बैंककर्मियों की हड़ताल से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को जहां क्रिसमस की छुट्टी रही तो बुधवार को बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं दो दिन लगातार बैंकों के बंद होने से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि एक सप्ताह से भी कम समय में यह दूसरी बैंक हड़ताल है। इससे पहले विलय और वेतन संशोधन पर बातचीत को जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर बीते 21 दिसंबर को भी हड़ताल की थी। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह सामान्य रहेगा। गौरतलब है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है।

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यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संगठन है। इसमें ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), नेशनल कनफेडरेशन आफ बैंक एम्प्लायज (एनसीबीई) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) आदि यूनियनें शामिल हैं। यूएफबीयू का दावा है कि उसके सदस्यों की संख्या 10 लाख से अधिक है। एआईबीईए के महासिचव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त ने बैठक बुलायी थी लेकिन उससे कोई हल नहीं निकला। इसीलिए सभी यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान न तो सरकार और न ही संबंधित बैंकों ने आगे आकर यह भरोसा नहीं दिलाया कि वे विलय के लिये कदम नहीं उठाएंगे।