कारगिल युद्ध के दौरान भारत की बेटी गुंजन सक्सेना ने उड़ाया था चीता हेलीकॉप्टर, जानिए कौन है The Kargil Girl | Know who is the Kargil Girl Gunjan Saxena who fly cheetah aircraft while kargilwar

कारगिल युद्ध के दौरान भारत की बेटी गुंजन सक्सेना ने उड़ाया था चीता हेलीकॉप्टर, जानिए कौन है The Kargil Girl

कारगिल युद्ध के दौरान भारत की बेटी गुंजन सक्सेना ने उड़ाया था चीता हेलीकॉप्टर, जानिए कौन है The Kargil Girl

:   Modified Date:  December 3, 2022 / 07:22 PM IST, Published Date : December 3, 2022/7:22 pm IST

मुंबई: स्वतंत्रता दिवस से पहले रिलीज हुई फिल्म ‘गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल’ सुर्खियों में है। यह फिल्म इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला पायलट गुंजन सक्सेना पर आधारित है। लेकिन क्या आपको पता है कि गुंजन सक्सेना ने ऐसा क्या काम किया है, जिसको लेकर उनके ऊपर फिल्म बनी है और क्यों उन्हें आज याद कर रहे हैं।

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दरअसल गुंजन सक्सेना भारतीय वायु सेना की वो महिला पायलट हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों को भारतीय सेना के शैर्य और साहस का अहसास दिलाया था। बताया जाता है कि गुंजन सक्सेना ने 5 साल की उम्र में लड़ाकू विमान देखा तो यह ठान लिया कि वह एक दिन लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। बचपन से ही सपनों की उड़ान भरने वाली गुंजन सक्सेना ‘शौर्य चक्र पुरस्कार’ पाने वाली पहली महिला हैं।

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गुंजन सक्सेना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से अपना स्नातक पास किया है। स्नातक पास करने के बाद साल 1994 में जब गूंजन को पता चला किया भारतीय वायुसेना में पहली बार महिला पायलट की भर्ती हो रही है, तो उन्होंने देर न करते हुए तुरंत फार्म भर दिया। गूंजन ने परीक्षा पास की और भारतीय वायुसेना के महिलाओं के पहले बैच में शामिल हो गईं। बता दें कि इससे पहले वायु सेना में न ही महिला पायलटों की भती होती थी और न ही महिलाओं को उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी जाती थी।

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वहीं, 1999 में जब कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के बीच जंग चल रही थी। तब गुंजन और उनकी साथी श्रीविद्या को पहली बार अपने देश के लिए कुछ करने का मौका मिला। गुंजन ने इससे पहले लड़ाकू विमान नहीं उड़ाया था। उस युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना को पायलटों की जरूरत पड़ी तो गुंजन और उनकी साथी श्रीविद्या को कश्मीर के उस युद्ध क्षेत्र में भेजा गया, जहां पाकिस्तानी सेना की तरफ से लगातार रॉकेट लॉन्चर और गोलियों से हमला किया जा रहा था। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने चीता हेलीकॉप्टर उड़ाया था।

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युद्ध के दौरान उन्होंने सैकड़ो सैनिकों की मदद की और कई भारतीय जवानों को वहां से सुरक्षित निकालने में सफलता पाई। युद्ध के समय पाकिस्तानी सेना की तरफ से गुंजन के एयरक्राफ्ट पर मिसाइल भी दागी गई लेकिन वह चूक गई और गुंजन बाल-बाल बच गईं। गुंजन और उनकी साथी ने अपनी जान की बाजी लगाकर इस मिशन को अंजाम दिया था। कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना की इस बहादुरी के लिए उन्हें ‘शौर्य वीर पुरुस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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