मिनटों में नीलाम हो गया महात्मा गांधी का चश्मा, अनुमानित दाम से 20 गुना ज्यादा लगी बोली | Mahatma Gandhi's spectacles auctioned in minutes

मिनटों में नीलाम हो गया महात्मा गांधी का चश्मा, अनुमानित दाम से 20 गुना ज्यादा लगी बोली

मिनटों में नीलाम हो गया महात्मा गांधी का चश्मा, अनुमानित दाम से 20 गुना ज्यादा लगी बोली

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : August 22, 2020/10:10 am IST

नई दिल्ली। ब्रिटेन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चश्मे की नीलामी पर अनुमानित कीमत से 20 गुना ज्यादा की बोली लगी। बताते चले कि पिछले महीने एक ऑक्शन हाउस के स्टाफ को चश्मे कंपनी के लेटरबॉक्स में लिफाफे में पड़े मिले थे, जिसके बाद शुक्रवार को इनकी नीलामी की गई। बताया गया है कि गांधीजी के यह चश्मे महज 6 मिनट की बोली के बाद ही बिक गए। वह भी अनुमानित बोली से करीब 20 गुना ज्यादा पर।

पढ़ें- इस डॉक्यूमेंट के बिना नहीं होगा गाड़ियों का इंश्योरेंस रिन्यू.. निय…

ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन्स कंपनी के प्रमुख और नीलामीकर्ता एंड्रयू स्टोव ने चश्मे के लिए 15 हजार पाउंड (करीब 14 लाख रुपए) तक की बोली लगने का अनुमान जताया था। हालांकि, छह मिनट के अंदर ही इस चश्मे की नीलामी हो गई। वह भी 2 लाख 60 हजार ब्रिटिश पाउंड्स (करीब 2.5 करोड़ रुपए) में। एंड्रयू के मुताबिक, यह उनकी कंपनी का नीलामी रिकॉर्ड है। महात्मा गांधी के इन चश्मों को किसने खरीदा, इसका खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, कहा गया है कि एक अमेरिकी कलेक्टर ने फोन के जरिए बोली लगाकर इन्हें अपने नाम कर लिया।

पढ़ें- पंजाब के तरनतारन में BSF ने 5 घुसपैठियों को किया ढेर, राइफल और पिस्टल बरामद

शुक्रवार से लेकर सोमवार तक यह लिफाफा लेटरबॉक्स में ही पड़ा रहा। हालांकि, जब स्टोव को यह चश्मे मिले तो उन्होंने इसकी जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि गोल बनावट वाले यह गोल्ड प्लेटेड चश्मे गांधीजी के चश्मे पहनने के शुरुआती समय के हैं, जब वे दक्षिण अफ्रीका में थे, क्योंकि इनकी पावर काफी कम है। स्टोव ने इसे अपने जीवन की सबसे अहम खोज माना है।

पढ़ें- शादी के एक साल बाद हो गया तलाक, नेता, वकील सहित 139 लोगों ने किया र…

बताया गया है कि इस चश्मे का मालिक मैंगोट्सफील्ड के रहने वाले एक बुजुर्ग हैं, जो नीलामी से मिले पैसों को अपनी बेटी के साथ साझा करेंगे। बताया गया है कि उनके परिवार के पास यह चश्मा पिछली कुछ पीढ़ियों से था। 1920 में परिवार को यह चश्मा अपने एक रिश्तेदार के जरिए मिला था, जो कि दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी से मिला था। बापू ने दक्षिण अफ्रीका में पहने थे ये चश्मे नीलामीकर्ता एंड्रयू स्टोव के मुताबिक, यह चश्मे उनकी कंपनी के एक कर्मचारी को लेटरबॉक्स में लिफाफे में बंद मिले थे।

 
Flowers