प्रसूता महिला ने लगाए अस्पताल पर लड़के की जगह लड़की देने का आरोप, हाईकोर्ट ने दिया डीएनए जांच के निर्देश | Maternity woman accuses hospital of giving girl instead of boy, High court directs DNA investigation

प्रसूता महिला ने लगाए अस्पताल पर लड़के की जगह लड़की देने का आरोप, हाईकोर्ट ने दिया डीएनए जांच के निर्देश

प्रसूता महिला ने लगाए अस्पताल पर लड़के की जगह लड़की देने का आरोप, हाईकोर्ट ने दिया डीएनए जांच के निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : January 27, 2021/1:10 pm IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक फौजी की याचिका पर उसके नवजात का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है। फौजी की पत्नी का आरोप है कि मुरार के कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल में आईवीएफ तकनीक से संतान हुई थी। जहां उनको पहले बेटा बताया गया और उन्होंने 3 दिन तक अस्पताल में बेटे का पालन पोषण किया। लेकिन बाद में डिस्चार्ज टिकट पर फीमेल बताकर लड़की थमा दी गई। बच्चा बदलने का यह सनसनीखेज आरोप मंजू तोमर नाम की महिला ने लगाया है। उसका पति आर्मी में पदस्थ है और इन दिनों उसकी ड्यूटी लद्दाख में है।

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मंजू तोमर को पहले एक लड़की थी उसने लड़के की चाह में कल्याण मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर केजी शर्मा और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा भावना शर्मा से संपर्क किया था। आईवीएफ तकनीक के जरिए मंजू तोमर को गर्भ धारण कराया गया था। जहां मंजू तोमर को प्रसव हुआ था। बाद में उसे दस्तावेजों में लड़के का हवाला देकर शिशु भी दिया गया। फौजी के अधिवक्ता का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन 70,000 रुपए और लेने के लिए उन पर दबाव बना रहा था। जब उन्होंने पैसे देने में आनाकानी की तो बच्चे को गंभीर रूप से बीमार बताते हुए उसका इलाज करने बदले में लड़की देने का भी आरोप लगाया गया है।

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अस्पताल प्रबंधन पर मंजू ने अपना बच्चा बदलने का आरोप लगाया। तो वहीं हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच सीएमएचओ से कराई गई थी। जांच में इसे क्लेरिकल मिस्टेक बताया गया। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि डीएनए टेस्ट से साफ हो जाएगा कि बच्चा फौजी का है अथवा किसी और का है। अब बच्चें का पिता फौजी 5 फरवरी को अपना डीएनए देने के लिए ग्वालियर आएगा। कोर्ट ने सीएमएचओ को निर्देशित किया है कि वे 5 फरवरी को फौजी और बच्चे का डीएनए सैंपल लेकर उसे गुजरात की लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे। इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को रखी गई है।

 
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