नेता प्रतिपक्ष के फेसबुक पोस्ट का मंत्री ने दिया जवाब, कहा- मासूम के दानपेटी से पैसे निकालने के लिए आप जिम्मेदार | Minister replied to the Facebook post of Leader of Opposition

नेता प्रतिपक्ष के फेसबुक पोस्ट का मंत्री ने दिया जवाब, कहा- मासूम के दानपेटी से पैसे निकालने के लिए आप जिम्मेदार

नेता प्रतिपक्ष के फेसबुक पोस्ट का मंत्री ने दिया जवाब, कहा- मासूम के दानपेटी से पैसे निकालने के लिए आप जिम्मेदार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : October 7, 2019/7:38 am IST

भोपाल । नेता प्रतिपक्ष के कमलनाथ सरकार पर बार-बार सवाल उठाने के खिलाफ मंत्री हर्ष यादव ने फेसबुक पोस्ट किया है। मंत्री हर्ष ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के लिए फेसबुक पोस्ट किया। मंत्री हर्ष यादव ने लिखा कि आपने फेसबुक पर जो मेरे खिलाफ टिप्पणी की है वो निंदनीय है । मैंने केवल पड़ोसी होने के नाते धर्म निभाया। मैंने सीएम कमलनाथ के दिए निर्देश का पालन किया। उस परिवार को जो राहत मिलनी चाहिए उसका संज्ञान लिया । अगर आपके क्षेत्र से ऐसी घटना घटी है तो सर्वप्रथम आप उत्तरदायी हैं। मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि आप बार-बार मध्यप्रदेश सरकार पर अर्नगल आरोप लगा रहे हैं।

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12 साल की मासूम द्वारा गेहूं के लिए मंदिर से पैसे चुराने के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने फेसबुक पोस्ट किया था,जिसपर मंत्री हर्ष यादव ने जवाब दिया है।

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नेता प्रतिपक्ष का फेसबुक पोस्ट-

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे अपने मध्‍यप्रदेश में अपराध सिर उठाए खड़ा है और पुलिस से लेकर प्रशासन सभी को प्रदेश में शांति व्‍यवस्‍था बहाल रखने में चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में एक चिंताजनक संदर्भ सामने आया है। कुछ दिनों पूर्व एक बेटी के साथ हुई घटना को लेकर इन दिनों मेरा विधानसभा क्षेत्र प्रदेश भर के नेताओं का मानो ”राजनीतिक पिकनिक स्पॉट” ही बन गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और पड़ोस के मंत्री सभी उस बच्ची के परिवार की खैर-खबर ले रहे हैं। पीडि़त परिवार के प्रति इस संवेदना के लिए मैं इन सभी नेताओं का आभार प्रकट करता हूं। निश्चित ही यह एक दुःखद घटना है लेकिन उससे भी अधिक दुःखद यह है कि अब इस घटना पर राजनीति शुरू हो गई है। लेकिन क्‍या जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं, वे बता सकते हैं कि उनके क्षेत्र में सब कुछ ठीक है और क्‍या वहां आम नागरिक भय से मुक्‍त होकर रह सकते हैं। क्‍या उनके क्षेत्र में रामराज्‍य है और कोई गरीबी, कुपोषण, व्‍याधि, विसंगति, अपराध कुछ नहीं है। क्‍या लोग हलवा पूडी खाते नहीं अघा रहे हैं और घरों में भंडार भरे हुए हैं।

मेरे लिए जनसेवा पहली प्राथमिकता पर है और राजनीति बाद में। मैं पिछले कई वर्षों से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हूं। मेरी विधानसभा के हजारों निर्धन, बेसहारा लोगों की शादी, विवाह, मृत्यु हो जाने पर उनके परिजनों की आर्थिक मदद, असहाय बच्चों की शिक्षा के लिए मैं नियमित रूप से मदद करता रहा हूं और ऐसा करते हुए मुझे प्रसन्‍नता का अनुभव होता है। मैंने संभवत: अभी तक विधानसभा की 20 हजार बेटियों का निशुल्क विवाह और 15 हजार से अधिक असहायों का इलाज कराया है, लेकिन मैं इसका हर बार उल्‍लेख करना उचित नहीं समझता। मेरी विधानसभा के अलावा भी कभी भी कोई भी जरूरतमंद परिवार यदि मेरे पास आता है तो वह कभी खाली हाथ नहीं जाता। मैं हर सम्भव मदद के लिए तत्पर रहता हूं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने पिछले 10 माह से एक रुपया भी मेरे क्षेत्र के बीमारों को प्रदान नहीं किया है। इससे पहले मैं हर सप्ताह अपनी सरकार से बीमारों की 20 से 25 लाख रुपए की मदद करवाता था। अब हालत यह है कि दर्जनों लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं। स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के क्षेत्र में 4 लोग लापरवाही का शिकार होकर अपनी आंखों की दृष्टि खो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में लापरवाही ने 11 लोगो के आंखों की रोशनी छीन ली। गृहमंत्री बाला बच्चन के क्षेत्र में एक नाबालिग से दुष्कर्म और भूख से तड़प कर 8 साल के मासूम की मौत की खबर सामने आती है। पूरा परिवार अस्पताल में तड़प रहा है। कमलनाथ जी ने राज्य बीमारी सहायता कोष, मुख्यमंत्री सहायता कोष आदि माध्‍यमों से मदद के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। अव्‍यवस्‍था का ये आलम है कि गरीबों को राशन की पर्चियां नहीं मिल रही हैं। प्रदेश में बीमारियों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। कुपोषण पनप रहा है। 10 माह के भीतर हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार होकर काल के गाल में समा गए लेकिन हैरत है कि मुख्यमंत्री जी का ध्यान इस ओर बिल्कुल भी नहीं है।

अब मैं अपने पड़ोस के मंत्री और मेरे क्षेत्र के शुभचिंतक नेताओं के क्षेत्र की वीडियोग्राफी करवाने जा रहा हूं, जिसे प्रदेशवासी देखकर वास्तविकता जान सकेंगे। जिस राज्य में प्रतिवर्ष हजारो बच्चे कुपोषण से मरते हों, जहां 10 महीने में 10 बेरोजगारों को भी रोजगार न मिला हो, जहां नाबालिगों से दुष्कृत्य कर निर्मम हत्याएं हो रही हों, बलात्कार, अपराध, डकैती की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई हो, वहां इन समस्याओं के निदान की बजाय कुछ संवेदनशील मुद्दों पर इस तरह की नौटंकी ठीक नहीं लगती। सरकार को मानवीयता के आधार पर उस बच्ची पर लादे गए केस को वापस लेने की आवश्‍यकता है। इस सरकार के मंत्री कब तक पुरानी सरकार पर आरोप मढ़कर रोना रोते रहेंगे। कांग्रेस सरकार के कुप्रशासन एवं उनकी पुलिस की नालायकी के कारण किसी क्षेत्र को जलील नहीं किया जा सकता। रहली नगर निकाय में लंबे समय तक कांग्रेस काबिज रही ऐसी घटनाएं योजनाओं के क्रियान्वयन की असफलता ओर अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोलती है।

मैं भी प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों विशेषकर देवरी क्षेत्र की वीडियोग्राफी करवा रहा हूं। हो सकता है वहां पर सब कुछ ठीक चल रहा हो। ना गरीबी, ना भ्रष्‍टाचार, ना अन्‍याय, ना रोग, ना अपराध। लेकिन यदि ऐसा है तो वे कौन लोग हैं जो मेरे पास वहां की समस्‍याएं लेकर आते हैं। मैं इन लोगों की भी वीडियोग्राफी करवाने जा रहा हूं ताकि देवरी क्षेत्र अपनी पूरी पारदर्शिता के साथ सबके सामने आ सके। जमीनी हकीकत से आखिर कब तक मुंह चुराया जा सकेगा, यह जरूर सामने आना चाहिये।

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