भारत का मिशन चंद्रयान-2, 52 दिनों के बाद चांद की सतह पर उतरेगा यान, लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक क्या-क्या होगा.. जानिए | Mission Chandrayaan-2, Chandrayaan will land on moon surface after 52 days

भारत का मिशन चंद्रयान-2, 52 दिनों के बाद चांद की सतह पर उतरेगा यान, लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक क्या-क्या होगा.. जानिए

भारत का मिशन चंद्रयान-2, 52 दिनों के बाद चांद की सतह पर उतरेगा यान, लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक क्या-क्या होगा.. जानिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : July 14, 2019/6:37 am IST

नई दिल्ली। भारत अंतरिक्ष की उड़ान में एक और इतिहास रचने जा रहा है। आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई सोमवार को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा। 52 दिनों बाद चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरेगा। इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन इस पर नजर रखी हुई है।

जानिए मिशन चंद्रयान-2 के 52 दिनों का सफर

भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 के जरिए सोमवार तड़के 2:51 बजे चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया जाएगा। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंचेगा। 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चांद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति घंटे होगी

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चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के 16 दिनों बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा। पृथ्वी के कक्ष से बाहर निकलत ही चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग हो जाएगा। इसके पांच दिनों बाद चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। इस दौरान उसकी गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और चार किलोमीटर प्रति सेकंड होगी। चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचते ही उसके गोल चक्कर लगाते हुए उसकी सतह की और आगे बढ़ेगा। चंद्रमा की कक्षा में 27 दिनों तक चक्कर लगाते हुए चंद्रयान सतह के करीब पहंचेगा। उसकी अधिकतम गति उस समय 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम स्पीड एक किलोमीटर/सेकंड रहेगा।

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चांद की सतह के नजदीक पहुंचने के बाद चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरेगा। लेकिन इस प्रक्रिया में 4 दिन लगेंगे। चांद की सतह के नजदीक पहुंचने पर लैंडर (विक्रम) अपनी कक्षा बदलेगा। फिर वह सतह की उस जगह को स्कैन करेगा जहां उसे उतरना है। लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और आखिर में चांद की सतह पर उतर जाएगा। चांद की सतह पर लैंडिंग के बाद लैंडर का डोर खुलेगा और रोवर को सतह पर छोड़ेगा। रोवर के निकलमें करीब चार घंटे का वक्त लगेगा। फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा। इसके ठीक 15 मिनट बाद इसरो लैंडिंग की तस्वीरें देना शुरू कर देगा।

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इस तरह चंद्रयान-2 अपने अलग-अलग प्रकियाओं को पूरा करते हुए 52 दिनों बाद चांद की सतह पर पहुंचेगा। चांद की सतह में लैंडर और रोवर 14 दिनों तक एक्टिव रहेंगे। चांद की सतह पर रोवर एक सेंटीमीटर/सेकंड की गति से चलेगा। रोवर सतह के तत्वों का परीक्षण कर तस्वीरें भेजेगा। रोवर 14 दिनों में कुल 500 मीटर कवर करेगा। वहीं ऑर्बिटर चंद्रमा में एक साल तक एक्टिव रहेगा। वह चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा करता रहेगा।

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