वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (GATS)ने छत्तीसगढ में 2016-17 में तंबाकू सेवन सर्वेक्षण से संबंधित नतीजे जारी किए हैं. जिनके आंकड़े चौंकाने वाले हैं इस सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ में तंबाकू के सेवन की लत सबसे ज्यादा है और इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा गुड़ाखू का इस्तेमाल किया जाता है.सर्वे में बताया गया कि गुड़ाखू का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जाता है. पुरुष के साथ ही महिलाएं भी इसके इस्तेमाल में पीछे नहीं हैं. यहां तक की गर्भवती महिलाएं भी गुड़ाखू का इस्तेमाल करती हैं. जिस पर चिंता भी जाहिर की गई है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 19.7% व्यस्क इसका इस्तेमाल करते हैं.वहीं तंबाकू और खैनी के प्रयोग का प्रतिशत 16.1% है. इसके साथ ही सर्वे में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं. सरकार द्वारा पैकेट पर चेतावनी लिखाने का बड़ा असर हुआ है. पैकेट में लिखी चेतावनी को पढ़कर 77.8% लोगों ने बीड़ी, 55% लोगों ने सिगरेट और 57.9 % लोगों ने तंबाकू का सेवन छोड़ने का विचार किया.हालांकि इन आंकड़ों के अनुसार बीते सालों में छत्तीसगढ़ में 15 से 17 आयु वर्ग के लोगों में तंबाकू सेवन में 9.3% की कमी आई है. वहीं तंबाकू सेवन शुरु करने की औसत आयु भी 16 साल से बढकर 18 साल हुई है.इस दौरान 1037 पुरुष और 1050 महिलाओं पर यह सर्वेक्षण किया गया.
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां एक निजी होटल में ‘तंबाकू निषेध’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। श्री चन्द्राकर ने शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जैसे स्वास्थ्यगत कार्यक्रमों में जागरूकता बेहतर उपाय है। जनस्वास्थ्य के लिए आयोजित ऐसे कार्यक्रम भागवत कार्य संपादित करने के समान है। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के लिए निरंतर जागरूकता अभियान पर बल दिया। श्री चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक दशा, यहां की जलवायु, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, उसके बाद भी प्रदेश में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में 10 से 12 प्रतिशत की गिरावट सघन जन-जागरूकता अभियान के कारण ही संभव हो पाया है।
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यह हम सबके लिए खुशी का विषय है।स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। श्री साहू ने कहा कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के रिपोर्ट में देखा जाए तो काफी उपलब्धियां हासिल हुई है। स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में संचालित जन जागरूकता के कारण तम्बाकू उपयोग चाहे वह धुम्रपान हो अथवा धुम्र रहित उत्पाद हो कमी आई है, जो प्रदेश के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि नये लोग तम्बाकू सेवन से दूर हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन पुराने लोग जो तम्बाकू नहीं छोड़ पा रहे हैं, उनके लिए और काम करने की जरूरत हैं। कार्यशाला में डाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान के प्रतिनिधि डॉ. टी. सुन्दरमण नेे पावर पॉईण्ट प्रस्तुतिकरण के जरिए वैश्विक व्यस्क तम्बाकू सर्वेक्षण फैक्टशीट छत्तीसगढ़ वर्ष 2009-10 और वर्ष 2016-17 के सर्वे के रिपोर्ट के सम्बंध में विस्तार से तुलनात्मक जानकारी दी।
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