यहां सौम्य रुप में विराजमान हैं माता काली, अपार भीड़ के बावजूद हर श्रद्धालु को होते हैं मां के दर्शन | Mother Kali is seated here in a gentle form Despite the huge crowd, every devotee gets to see the mother

यहां सौम्य रुप में विराजमान हैं माता काली, अपार भीड़ के बावजूद हर श्रद्धालु को होते हैं मां के दर्शन

यहां सौम्य रुप में विराजमान हैं माता काली, अपार भीड़ के बावजूद हर श्रद्धालु को होते हैं मां के दर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : May 4, 2020/9:42 am IST

धर्म। मां काली का स्वरूप जितना भयावह है, उससे कहीं ज्यादा मनोरम और भक्तों के लिए आनंददायी है। आमतौर पर मां काली की पूजा संन्यासी और तांत्रिक करते हैं, लेकिन आद्यशक्ति होने के नाते वो अपने हर भक्त की इच्छा पूरी करती हैं। हम आपको मां काली के ऐसे ही दरबारों के बारे में बता रहे हैं, जिसमें भक्तों की गहरी आस्था है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सदियों से शैव और शाक्त मत का एक बड़ा केंद्र है। एक तरफ यहां हज़ारों साल पुराने शिवालय हैं, तो वहीं शक्ति के कई जागृत द्वार भी यहां स्थापित हैं। ऐसा ही एक द्वार है…आकाशवाणी चौक स्थित काली मंदिर । इस मंदिर का नागा साधुओं से गहरा रिश्ता रहा है।

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रायपुर के आकाशवाणी चौक स्थित मां काली के मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते हैं। भले ही निर्माण के लिहाज से प्राचीन नहीं है ये धाम लेकिन फिर भी राजधानी सहित आसपास इलाकों के लोगों के लिए ये आज ये आस्था का जीवंत केंद्र बन चुका है। मंदिर प्रबंधन की माने तो वो पीढियों से इस मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं। ऐन सड़क के किनारे विशाल पेड़ के नीचे स्थित है देवी काली का ये मंदिर । साल भर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है लेकिन नवरात्र के मौके पर जैसे यहां हर वक्त मेला ही लगा रहता है।

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भक्त माता के इस दरबार में मनोकामना ज्योति की स्थापना भी करवाते हैं। इस साल भी सैकड़ों की संख्या अखंड ज्योतियां यहां जमगमा रही हैं। मंदिर में मनोकामना ज्योति की स्थापना के लिए भक्तों में होड़ लगी रहती है लेकिन सीमित जगह की वजह से सभी भक्तों को ज्योति स्थापना का पुण्य नहीं मिल पाता । काली माता के कई ऐसे भक्त आपको मिल जाएंगे…जो यहां केवल नवरात्र में नहीं बल्कि हर रोज़ आते हैं। उनकी माने तो माता की कृपा से उनकी हर मुराद पूरी हो जाती है।

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नवरात्र के दौरान काली मंदिर में विशिष्ट ढंग से पूजा होती है। इस मंदिर की खास बात ये है कि चाहे कितना भी भीड़ हो जाए..लेकिन दर्शन में वक्त नहीं लगा क्योंकि मंदिर की संरचना कुछ इस तरह है कि बिना परेशानी के भक्त भीड़ के बाद भी दर्शन कर सकते हैं। यहां तक कि सड़क पर खड़े रहते हुए भी देवी के दर्शन हो जाते हैं। यहां देवी काली के सौम्य रूप में भी जो ओज है, काली माता का ये रुप सहज ही लोगों को सिर नवाने के लिए विवश कर देता है

 
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