नीति आयोग ने सुकमा में पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को सराहा, सीएम भपेश बघेल ने जिला प्रशासन को दी बधाई | NITI Aayam praised the work of conservation and promotion of animals in Sukma

नीति आयोग ने सुकमा में पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को सराहा, सीएम भपेश बघेल ने जिला प्रशासन को दी बधाई

नीति आयोग ने सुकमा में पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को सराहा, सीएम भपेश बघेल ने जिला प्रशासन को दी बधाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : August 24, 2020/4:41 pm IST

रायपुर: नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य के आकांक्षी जिला सुकमा में पशुओं के संरक्षण, संवर्धन और चारे की बेहतर व्यवस्था की सराहना की है। नीति आयोग ने सुकमा जिले में पशुओं को विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए डोर-टू-डोर संचालित टीकाकरण अभियान और बारिश के दिनों में पशुओं के लिए चारे का बेहतर प्रबंध की प्रशंसा करते हुए इसे अपने ट्विटर हेण्डल से ट्वीट किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य के सूदूर वनांचल के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पशुधन की रक्षा और चारे की बेहतर व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन एवं पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा है कि सुकमा जिले ने देश में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने सुकमा जिले के 82 गौठानों में पशुओं के लिए नेपियर घास (हरा चारा) तथा पर्याप्त मात्रा में धान पैरा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की है।

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यहां यह उल्लेखनीय है कि आकांक्षी जिला सुकमा में वर्ष 2019-20 में 3 लाख 11 हजार पशुओं के टीकाकरण के लक्ष्य के विरूद्ध 4 लाख 10 हजार पशुओं को विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों जैसे – गलघोटू, एकटंगिया से बचाने के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण किया गया। टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए विभागीय अधिकारियों को गहन प्रशिक्षण तथा प्रत्येक विकासखण्ड में 25-25 क्लस्टर बनाए गए थे। जिले में पोल्ट्री वैक्सीनेशन के तहत 52 हजार से अधिक मुर्गियों का टीकाकरण किया गया। सुकमा जिले में 2800 कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य के विरूद्ध 2960 का लक्ष्य हासिल किया। बैकयार्ड कुक्कुट पालन, सूकर पालन तथा मादा वत्सोपादन योजना में भी सुकमा जिले ने शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। जिले में 50 महिला समूहों को शबरी लेयर फार्मिंग के तहत लाभान्वित किया गया है। इन समूहों के द्वारा किए जा रहे मुर्गी पालन से प्राप्त होने वाले अण्डे जिले के आंगनबाड़ियों, छात्रावासों एवं आश्रमों में सप्लाई किए जा रहे हैं। इससे जिले में कुपोषण की दर को कम करने में मदद मिली है।

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