ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में सभी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों एवं बच्चों का होगा पंजीयन | Online education portal 'Padhai Tunhar Duar' will have registration of teachers and children of all government schools

ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में सभी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों एवं बच्चों का होगा पंजीयन

ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में सभी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों एवं बच्चों का होगा पंजीयन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : April 8, 2020/3:01 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ के संबंध में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टरों को योजना की जानकारी देते हुए जिले के सभी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों और बच्चों का पंजीयन अनिवार्य रूप से इस पोर्टल में कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टरों से राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना में पूरा सहयोग करने और इसे बेहतर बनाने के लिए कोई सुझाव हो तो उसे भेजने कहा गया है।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली बच्चों को घर पर ही रहकर पढ़ने के लिए देश के सबसे बड़े ऑनलाइन पोर्टल में से एक ’पढ़ई तंुहर दुआर’ का 7 अप्रैल को अपने निवास कार्यालय में शुभारंभ किया था। इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। लॉकडाउन के साथ ही आने वाले समय में बच्चों की निरंतर पढ़ाई में यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित होगा। इस ई-लर्निंग प्लेटफार्म में ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाओं के जरिए शिक्षक और बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। यह छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों सहित हिन्दी भाषा राज्यों के लिए भी बहुत लाभदायक होगा। स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट सीजीस्कूलडॉटइन (cgschool.in) पर कक्षा पहलीं से 10वीं तक विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के संसाधनों को इसमें उपलब्ध कराया गया है। आगे और इसका विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत शीघ्र ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि यह पोर्टल तभी पूरी तरह उपयोगी होगा जब सभी कक्षाओं के लिए पर्याप्त शिक्षण सामग्री इस पर उपलब्ध हो और सारे बच्चे इसमें अपना पंजीयन करा लें। जिला कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए गए है। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र के शिक्षकों को वाट्सएप समूहों के माध्यम से संदेश भेज सकते है। जिले के सभी शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पंजीयन भी अनिवार्य रूप से पोर्टल पर कराया जाए। इसके लिए भी शिक्षकों वाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजे जा सकते है। शिक्षक भी पालकों को वाट्सएप आदि के माध्यम से संदेश भेज सकते है। कलेक्टर इसके लिए अपने जिले के प्रचार माध्यमों जैसे- सोशल मीडिया, स्थानीय अखबार, स्थानीय टीवी चैनल आदि का उपयोग भी कर सकते है। शिक्षकों का पालकों के साथ वैसे भी सतत् संवाद रहता ही है। इन सभी संसाधनों को पूरा उपयोग करके अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थियों का पंजीयन कराया जाए।

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वीडियो, ऑडियो और अन्य प्रकार के कंटेंट विकसित करके पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कक्षावार और विषयवार अच्छे और नवाचारी शिक्षकों का चयन कर लिया जाए और उन्हें अच्छे कंटेंट विकसित करके अपलोड करने के लिए प्रेरित करें। अपलोड की गई कंटेंट को वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा देखा जाएगा और उनके द्वारा अनुमोदित होने के बाद ही कंटेंट बच्चों के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रकार कंटेंट को अनुमोदित करने के लिए भी प्रत्येक जिले में हर कक्षा और हर विषय के लिए कम से कम एक वरिष्ठ शिक्षक की आवश्यकता होगी। इस संबंध में कलेक्टरों से कहा गया है कि ऐसे वरिष्ठ शिक्षकों का चयन करके उनके नामों और मोबाइल नम्बरों की जानकारी एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं।

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इसी प्रकार ऑनलाइन कक्षा लेने के इच्छुक शिक्षकों की सूची भी तैयार की जाए। जिसमें शिक्षकों का नाम, मोबाइल नंबर, उनके द्वारा किस कक्षा और विषय की ऑनलाइन कक्षाएं ली जाएंगी की जानकारी भी एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं। ऑनलाइन कक्षा लेने वाले शिक्षकों को एक कक्षा के लिए 500 रूपए मानदेय देने की व्यवस्था भी है। भुगतान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश संचालक राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा पृथक से जारी किया जाएगा।

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बच्चों के होमवर्क का मूल्यांकन करने के इच्छुक शिक्षकों की सूची उनके मोबाइल नंबरों के साथ बनाकर एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं। इसके लिए भी कुछ मानदेय निर्धारित किया जा रहा है। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिले में इसके लिए एक अधिकारी को योजना का नोडल अधिकारी बनाएं और नोडल अधिकारी का नाम, संपर्क सूत्र की सूचना तत्काल संचालक समग्र शिक्षा को दें, जिससे प्रत्येक जिले में इस योजना की सतत् मॉनीटरिंग हो सकें।