जानिए प्रदोष व्रत की महिमा और साल 2020 में पड़ने वाली इसकी सभी तिथियों के बारे में यहां | Pradosh Dates: Pradosh vrats dates and fasting rules including full year hindu calendar and puja vidhi with covering Hindu god Katha and mantra.

जानिए प्रदोष व्रत की महिमा और साल 2020 में पड़ने वाली इसकी सभी तिथियों के बारे में यहां

जानिए प्रदोष व्रत की महिमा और साल 2020 में पड़ने वाली इसकी सभी तिथियों के बारे में यहां

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 06:25 AM IST, Published Date : February 8, 2020/9:08 am IST

प्रदोष व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ा है। ऐसी मान्यता है कि जो भी इस व्रत को रखता है और विधि विधान से पूजा अर्चना करता है भोलेनाथ और देवी पार्वती की कृपा उस पर बनी रहती है। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को ये व्रत रखा जाता है। सूर्यास्त के बाद और रात्रि आने से पहले के समय को प्रदोष काल कहा जाता है।

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इस व्रत को किसी भी उम्र के लोग रख सकते हैं। स्कंदपुराण के अनुसार इस व्रत को दो तरीकों से रखा जा सकता है। आप चाहें तो सूर्य के उगने के बाद से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रख सकते हैं और भगवान शिव की पूजा के बाद आप संध्या काल में अपना व्रत खोल सकते हैं। वहीं दूसरी ओर आप पूरे 24 घंटे का कड़ा उपवास रखकर और रात भर जागकर महादेव की आरधना करके भी प्रदोष व्रत कर सकते हैं। पौराणिक कथाओं में इस बात का वर्णन किया गया है कि त्रयोदशी के दिन देवी पार्वती और महादेव अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। जिस तरह ये व्रत अति कल्याणकारी है ठीक उसी तरफ अलग अलग दिन पड़ने वाले इस व्रत की महिमा भी अलग है। आइए विस्तार से इस व्रत के बारे जानते हैं।

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दिन के अनुसार पड़ने वाले प्रदोष व्रत हर वार के अनुसार प्रदोष व्रत के नाम इस प्रकार हैं।

  1. सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम या चंद्र प्रदोषम कहते हैं।
  2. मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहते हैं। 
  3. बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष या सौम्यवारा प्रदोष कहते हैं। 
  4. बृहस्पतिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोषम कहते हैं।
  5. शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोषम कहते हैं। 
  6. शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोषम कहते हैं। 
  7. रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भानु प्रदोष या रवि प्रदोष कहते हैं।

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प्रदोष व्रत से मिलता है यह लाभ

अलग अलग दिन के अनुसार इस व्रत के लाभ भी अलग होते हैं।

  1. रविवार का प्रदोष व्रत व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करता है। 
  2. सोमवार का प्रदोष व्रत मनुष्य की मनोकामना की पूर्ति करता है और उसे निरोगी रखता है। 
  3. मंगलवार के दिन त्रयोदशी का प्रदोष व्रत करने से स्वास्थ लाभ होता है। अगर आप किसी बीमारी से परेशान हैं तो उससे भी छुटकारा मिलता है। 
  4. बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से मनुष्य की इच्छा पूर्ति होती है। 
  5. गुरूवार का प्रदोष व्रत करने से उपासक के शत्रुओं का नाश होता है और उसके जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। 
  6. शुक्रवार का प्रदोष व्रत सुहागनों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सदैव के लिए खुशहाल और सुखमय हो जाता है। 
  7. शनिवार का प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के इच्छुक भक्तों के लिए फलदायक है। अगर आप संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं तो यह व्रत जरूर करें।

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