नई दिल्ली। केंद्र सरकार अप्रैल 2019 से अगले तीन साल में देश के सभी बिजली मीटर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में तब्दील करने की तैयारी में है। बिजली मंत्रालय के इस फैसले में कहा गया है कि ‘इससे पारेषण और वितरण नुकसान में कमी, वितरण कंपनियों की बेहतर स्थिति, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन, बिल भुगतान में सुगमता तथा कागजी बिल जारी करने की व्यवस्था समाप्त होने के साथ बिजली क्षेत्र में एक क्रांति आएगी।
बिजली मंत्रालय ने कहा है कि ‘स्मार्ट मीटर गरीबों के हित में है क्योंकि ग्राहकों को पूरे महीने का बिल एक बार में देने की जरूरत नहीं होगी। इसके बजाए वे अपनी जरूरतों के अनुसार बिल का भुगतान कर सकते हैं। इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बनने से युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा होंगे।
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गौरतलब है कि राज्य सरकारों ने सभी के लिए बिजली दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य सरकारों ने इसके तहत अपने ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने पर सहमति जताई थी। इसमें वितरण लाइसेंस में एक अप्रैल 2019 या उससे पहले से ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का प्रावधान होगा। हालांकि उपयुक्त प्राधिकरण अपरिहार्य कारणों के आधार पर लिखित में इस समयावधि में विस्तार दे सकता है।