नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। केंद्र ने इस हलफनामे में राफेल विमान खरीदने की प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में खरीद की प्रक्रिया के बारे में पूछा था, जिसके बाद केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक हलफनामे में कहा गया है कि राफेल विमानों की खरीद वर्ष 2013 से तय रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत की गई है। बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ के समक्ष अधिवक्ता विनीत धांडे ने याचिका दायर की है। इस में कहा गया कि सौदे को लेकर आलोचना का स्तर निम्नतम हो गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि विपक्षी पार्टियां देश के प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए अपमानजनक और अभद्र तरीके अपना रही हैं।
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याचिका में मामले में अदालत से हस्तक्षेप की मांग की गई है और कहा गया है कि आलोचनाओं को विराम देने के लिए भारत सरकार और दासौ एविएशन के बीच हुए इस समझौते की जानकारी कम से कम अदालत को तो दी ही जानी चाहिए। जिससे अदालत उस सौदे की सावधानी से जांच कर सकती है। इससे पहले अधिवक्ता एमएल शर्मा ने एक जनहित के माध्यम से राफेल सौदे पर रोक लगाने की मांग की थी।
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