हम तो किसान हैं बीज खेत में डालकर 4-6 महीने इंतजार करते हैं.. जारी रहेगा आंदोलन- राकेश टिकैत | Rakesh Tikait's statement on the peasant movement

हम तो किसान हैं बीज खेत में डालकर 4-6 महीने इंतजार करते हैं.. जारी रहेगा आंदोलन- राकेश टिकैत

हम तो किसान हैं बीज खेत में डालकर 4-6 महीने इंतजार करते हैं.. जारी रहेगा आंदोलन- राकेश टिकैत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : January 17, 2021/10:31 am IST

नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद भी सहमति नहीं बन सकी है। किसान संगठन और विपक्षी दल इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, हालांकि सरकार इनको किसानों के हित में बता रही है। इन कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है।

पढ़ें- सड़क हादसे में घायल बीजेपी नेता की मौत, राजधानी के गुढ़ियारी इलाके में स्कॉर्पियों ने मारी थी ठोकर

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी राय दी है। सरकार संग किसानों की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद टिकैत ने बयान दिया है कि- ‘हम खेत में बीज डालने के बाद चार-छह महीने इंतजार करते हैं। फिर फसल आती है और जब फसल पक जाती है तो ओले पड़ जाते हैं।

पढ़ें- सरला देवी शुक्ल की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए पू…

इसके बाद भी खेत को छोड़ा नहीं जा सकता। अगली फसल की फिर तैयारी शुरू कर देते हैं। टिकैत ने राजस्थान में एक किसान का उदाहरण देकर बताया कि उसके गांव में 11 साल बारिश नहीं हुई। मगर किसान अपना गांव नहीं छोड़ता। वो अपना खेत नहीं छोड़ता, हर साल खेत में जाता है और जुताई करता है। 

पढ़ें- सरेंडर कर चुके 500 से ज्यादा नक्सल पीड़ित पहुंचे राय

एक सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं होगा। आंदोलन चाहे कितने भी दिन चले, जारी रहेगा। उन्होंने कहा- सामान भेजने पर थोड़ी रोक लगाई गई है क्योंकि आंदोलन स्थल पर दो से तीन महीने का राशन उपलब्ध है। 26 जनवरी पर किसानों की परेड पर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार इस बार परेड छोटी निकाल रही है। अगर सरकार चाहे तो आगे की परेड किसान पूरी कर देंगे। परेड छोटी नहीं होनी चाहिए।

पढ़ें- कोलकाता से सूरत जा रही फ्लाइट की राजाभोज एयरपोर्ट प…

टिकैत के मुताबिक आंदोलन में करीब 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, सरकार पूर्ण रूप से अड़ियल रुख कर रही है। मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है। उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए।

 

 
Flowers