मुंबई: पुलवामा हमले के बाद से देश के सियासी गलियारों में हंडकंप मचा हुआ हैै। लागातार राजनेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार से इस हमले के सबूत मांगे हैं। अब सबूत मांगने वाले राजनीतिक दलों में भारतीय जनता पार्टी की साथी शिवसेना का भी नाम जुड़ गया है। शिवसेना ने कहा है कि देशवासियों को इस बात का सच जानने का हक है।
शिवसेना ने इस मामले को लेकर कहा है कि देश की जनता को इस हमले के बारे में जानने का पूरा हक है कि हमारे जवानों ने दुश्मन के घर में घुसकर कितना नुकसान पहुंचाया है। हमें नहीं लगता कि इस प्रकार के सवाल से सेना का मनोबल कम होगा।
वहीं, उन्होने पीएम मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकसर ऐसी घटनाओं को लेकर इमोशनल हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। एक ओर जहां पाकिस्तान में जंग का माहौल बना हुआ था, तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री रैलियों को संबोधित करने में लगे हुए थे।
अपने बयान में शिवसेना ने विपक्ष पर भी जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पुलवामा हमले से पहले विपक्षी दलों के पास राम मंदिर, महंगाई, बेरोजगार, राफेल डील जैसे कई मुद्दे थे। लेकिन यरस्ट्राइक के बाद सभी तरह के मुद्दे खत्म हो गए हैं और हर कोई एयरस्ट्राइक का सबूत मांगने में जुटा हुआ है।
बता दें कि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल के अलावा टीएमसी नेताओं और अन्य कई बड़े विपक्षी नेताओं ने एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं। कई नेताओं ने सरकार से पुलवामा हमले सबूत भी मांगें हैं।
शिवसेना ने इससे पहले भी मोदी सरकार के कई बड़े फैसलों पर मोदी सरकार पर सवालिया निशान लगाए हैं। हालांकि कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने मुंबई पहुंच शिवसेना के साथ गठबंधन पर मुहर लगाई थी। दोनों पार्टियों में तय हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की 48 सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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