सिसोदिया सलामत रख पाएंगे अपनी साख, क्या कहती हैं पटपड़गंज की सियासी बिसात.. समझें | Sisodia will be able to maintain his credibility, what does the political politics of Patparganj

सिसोदिया सलामत रख पाएंगे अपनी साख, क्या कहती हैं पटपड़गंज की सियासी बिसात.. समझें

सिसोदिया सलामत रख पाएंगे अपनी साख, क्या कहती हैं पटपड़गंज की सियासी बिसात.. समझें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : January 23, 2020/11:59 am IST

दिल्ली। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक बार फिर ‘आप’ पार्टी से पटपड़गंज सीट से मैदान पर उतरे हैं। उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी के रवि नेगी से है। कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत को प्रत्याशी बनाया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने बीजेपी के नकुल भारद्वाज को पहली बार हरा कर विधानसभा में दस्तक दी थी वहीं 2015 के चुनाव में उन्होंने विनोद कुमार बिन्नी को लगभग 28 हजार मतों से हराकर जीत हासिल की थी।

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आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का दावा रहा है कि उन्होंने बिजली और पानी के दामों में काफी कटौती की है। इसी के आधार पर वो दिल्ली में एक बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।

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मतदाता की संख्या-

पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला पटपड़ गंज क्षेत्र में कुल वोटर्स की संख्या 2,14,368 है. इनमें 1,21,088 पुरुष वोटर्स और 93,264 महिला वोटर्स हैं।

पटपड़गंज (पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र)
कुल वोटर : 2,14,368
पुरुष वोटर्स : 1,21,088
महिला वोटर्स : 93,264

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पटपड़गंज के अहम मुद्दे-

सुरक्षा, पार्किंग, अतिक्रण, साफ-सफाई यहां ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज की भरमार है। कई इलाके बिल्डर फ्लैट्स से भी भरे हैं। इसी क्षेत्र में बहुत बड़ा स्लम एरिया भी है। कुल मिलाकर पटपड़गंज इलाका मिला-जुला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में मिडिल क्लास से लेकर झुग्गी में रहनेवाले मतदाता शामिल हैं।

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पिछला मुकाबला

1993 में बनी पटपड़गंज विधानसभा सीट पर अबतक अधिकतम तीन बार कांग्रेस ने कब्जा किया है। इस चुनाव में पार्टी ने लक्ष्मण रावत को मैदान में उतारा है। अंतिम बार 2008 के चुनाव में कांग्रेस को इस सीट पर सफलता मिली थी। पिछले दो विधानसभा चुनावों से कांग्रेस के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर फिसल गए थे।

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गौरतलब है कि दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होंगे और 11 फरवरी को चुनाव के परिणाम आने वाले हैं। आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधे मुकाबले के संकेत अबतक देखे जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है वहीं कांग्रेस ने 66 सीटों पर अपने प्रत्याशी दिये हैं और अन्य चार सीट अपने सहयोगी RJD के लिए छोड़ा है। वहीं बीजेपी ने 67 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और 3 सीट अपने सहयोगी JDU और LJP के लिए छोड़ा है।

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